दुमका (DUMKA) : इन दिनों संथाल परगना प्रमंडल में सोहराय पर्व की धूम है. सोहराय पर्व संथाल समाज का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है जिसकी तुलना हाथी से की जाती है. दुमका ही नहीं प्रमंडल के सभी जिलों में शहर से लेकर गांव तक और गली मोहल्ले से लेकर विभिन्न जगहों पर परंपरागत परिधान पहनकर लोग मांदर की थाप पर थिरकते नजर आ जाएंगे.
सोहराय मिलन समारोह का किया गया आयोजन
दुमका के पुलिस लाइन मैदान में पुलिस मेंस एसोसिएशन द्वारा सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में संथाल परगना प्रक्षेत्र के डीआईजी संजीव कुमार, दुमका एसपी पीताम्बर सिंह खेरवार, एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी, डीएसपी मुख्यालय बिजय कुमार सहित काफी संख्या में पुलिस पदाधिकारी और कर्मी शामिल हुए. परंपरागत लोटा पानी से अतिथियों का स्वागत किया गया. पूजा अर्चना की गई. मुर्गा की बली दी गयी. प्रसाद का वितरण किया गया.
डीआईजी ने दी सोहराय की बधाई
इस मौके पर डीआईजी संजीव कुमार ने कहा कि दुमका में योगदान के बाद पहली बार सोहराय में शामिल होने का मौका मिला. पुलिस परिवार सहित क्षेत्र की जनता को उन्होंने सोहराय की बधाई दी. डीआईजी ने कहा कि खुशी का त्यौहार है. परंपरागत रूप से यह पर्व काफी महत्वपूर्ण है. पर्व के बहाने लोग एक दूसरे से मिलकर खुशियां बांटते है. इस पर्व में मिट्टी के प्रति हमारा लगाव भी परिलक्षित होता है.
जनजातीय समाज है प्रकृति पूजक समाज
वहीं दुमका एसपी पीताम्बर सिंह खेरवार ने कहा कि जनजातीय समाज प्रकृति पूजक समाज है. पशु पक्षी की भी पूजा होती है. यह भाई बहन का त्योहार है. विवाह के बाद लड़कियां अपना ससुराल चली जाती है इसके बाबजूद मायके से उसका जुड़ाव होता है. इस पर्व के बहाने लंबे समय से परिवार से बिछड़े सदस्य मिलते है और मिलकर हर्षोल्लास पूर्वक सोहराय पर्व मानते है.
रिपोर्ट. पंचम झा
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