रांची(RANCHI): झारखंड के हर कोने में खनिज है. झारखंड को लोग काले सोने का राज्य कहते हैं. फिर भी झारखंड बदहाल है. यहां के खनिजों को लूटा जा रहा है. इसे रोकने की जिसपर जिम्मेदारी है. वह भी इस लूट में हिस्सेदार बना हुआ है. हम इस खबर में बताएंगे कि कोयलांचल में अवैध कोयले के खेल में कौन-कौन से अधिकारी मिले हुए हैं और महीने का कितना हिस्सा उन्हें पहुंचता है.
धनबाद में पोस्टिंग पाना हर अधिकारी का होता है सपना
धनबाद में हर SP, DSP, थानेदार पोस्टिंग पाना चाहते हैं. एक सपना होता है कि उन्हें झारखंड के धनबाद में पोस्टिंग मिल जाये. ऐसा नहीं है कि धनबाद में अपराध कम होते हैं, लेकिन पुलिस आराम से चैन की नींद सोती है. आए दिन यहां गोलीबारी होती रहती है. फिर भी सभी पुलिस अधिकारी यहां आना चाहते हैं. कोई आराम करने के लिए नहीं, बल्कि अवैध कोयले के धंधे में शामिल होकर मोटी कमाई करने के लिए.
लगातार जा रही है मजदूरों की जान
धनबाद में अवैध कोयले का कारोबार बड़े पैमाना पर चलता है. आए दिन इस खेल में लोगों की जान जाती है. कभी चाल धंसने से तो कभी CISF की गोलियों से मजदूर मर रहे हैं. फिर भी जान हथेली पर लेकर अवैध कोयला खदानों में काम करते हैं. धनबाद में अवैध कोयले के खेल में सत्ता पक्ष के नेता से लेकर विपक्ष के विधायक भी शामिल हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष एकजुट होकर जनता को गुमराह कर अवैध कार्य कर रहे हैं.
पुलिस अधिकारियों की है फिक्स रकम
जिले के एसपी साहब सबसे बड़े पुलिस अधिकारी होते हैं. जिले में विधि-व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी इनकी ही होती है. लेकिन जब यही एसपी साहब कोयला तस्करों के साथ मिलकर अवैध खनन में सहयोग करेंगे तो फिर रोकेगा कौन? यह एक बड़ा सवाल है. हमें पुलिस विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने के शर्त पर बताया कि जिले में अवैध खनन करने को माफिया एसपी से लेकर थानेदार तक को मोटी रकम देते हैं. जिले के एसपी साहब बड़े पद पर है तो उन्हें पांच से छह लाख रुपये महीना एक माफिया देता है.
इसके अलावा DSP साहब का भी महीना कम नहीं है. इन्हें दो से तीन लाख रुपए का चढ़ावा मिलता है. अब इनसे नीचे भी कुछ पुलिस अधिकारी होते हैं जिन्हें हम इस्पेक्टर कहते हैं. यह साहब को डीएसपी साहब से थोड़ा कम डेढ़ से दो लाख मिलता है. जब सब को पैसा पहुंच रहा है तो इसमें SI कैसे पीछे छूटते. इनका भी महीना फिक्स है, एक थानेदार को एक से डेढ़ लाख रुपया मिलता है.
बीजेपी और झामुमो नेता मिल कर करते हैं काम
इनके अलावा अब बात माफिया की करते हैं. हमें बताया गया कि धनबाद में BJP के एक विधायक और झामुमो के बड़े नेता साथ मिलकर काम करते हैं. दोनों साथ मिलकर बड़े पैमाने पर कोयले की अवैध ढुलाई कराते हैं. इसमें कई बार चाल धंसने से मज़दूरों की मौत भी हुई है. लेकिन जांच के नाम पर हुआ कुछ नहीं. क्योंकि जब सईंया भइल कोतवाल तो फिर डर काहेका....
कैसे होगी कोयला की अवैध ढुलाई बंद?
यह भी बताया गया कि जो लोग बाइक से कोयला की ढुलाई करते हैं. पुलिस उनसे 40 से 60 रुपये तक वसूली करती है. इसके अलावा साईकल से कोयला ले जाने वाले से 30 से 40 रुपया फिक्स होता है. अब इससे अंदाज लगा सकते है कि क्या कभी धनबाद से कोयला की अवैध ढुलाई बंद हो पाएगी? यहां नेता और अधिकारी खुद जब अवैध खनन करा रहे है, तो इस पर संज्ञान कौन लेगा और कार्रवाई कौन करेगा? जिस तरह से धनबाद में अवैध खदान चल रहे हैं. अगर समय से इसे रोका नहीं गया तो यह आने वाले दिनों में नासूर बन जाएगी.
रिपोर्ट: समीर हुसैन
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