धनबाद(DHANBAD): हाजरा अस्पताल में लगी आग और आग से जलकर हुई 5 मौतों के मामले में सोमवार की देर रात बैंक मोड़ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की. यह प्राथमिकी अज्ञात पर की गई है. पुलिस ने डॉक्टर विकास हाजरा और डॉक्टर प्रेमा हाजरा के पुत्र आयुष हाजरा की शिकायत पर एफ आई आर दर्ज की है. आयुष ने अज्ञात लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में प्राथमिकी दर्ज कराई है. आयुष ने अपने आवेदन में माता, पिता की मौत को अप्राकृतिक बताया है. लिखा है कि धुएं से दम घुटने से उनके माता-पिता सहित अन्य लोगों की मौत हुई है .उन्होंने आग लगने की घटना को सामान्य माना लेकिन अंदेशा जताया कि आग की घटना के बाद किसी ने जानबूझकर फ्लैट के अंदर के लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया. भवन से सटे दूसरे रास्ते को प्रयोग के लिए नहीं दिया गया. यदि उस रास्ते को समय पर दमकल कर्मियों को दिखाया जाता तो पांच जिंदगी बच सकती थी .इशारे इशारे में आयुष ने अपने करीबी रिश्तेदार और उनके कर्मचारियों पर शक जाहिर किया है .आयुष ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया है कि जिस जगह आग लगी थी ,उसके ठीक ऊपर छत होते हुए दूसरा रास्ता सीधे उनके पिता के फ्लैट तक जाता है. अस्पताल के दूसरे हिस्से से सीढ़ी के सहारे दमकल कर्मी या अन्य लोग वहां जा सकते थे, लेकिन साजिश के तहत उस रास्ते के संबंध में किसी ने फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को नहीं बताया. यदि उस रास्ते के संबंध में राहत कर्मियों को जानकारी दी जाती तो 5 जाने बचाई जा सकती थी. आयुष की प्राथमिकी में अज्ञात लोगों की चर्चा की गई है. पुलिस अज्ञात लोगों का अब पता लगाएगी. घटना की रात मौके पर कौन-कौन लोग मौजूद थे, उन्होंने आग लगने के बाद क्या क्या भूमिका निभाई, क्या वास्तव में उस रास्ते के संबंध में दमकल कर्मी या पुलिस को जानकारी नहीं दी गई .यदि जानकारी नहीं दी गई तो इसके लिए दोषी कौन लोग हैं. पुलिस इस संबंध में डॉक्टर विकास के भाई से भी पूछताछ कर सकती है. घटना की रात अस्पताल में मौजूद दोनों पक्ष के कर्मचारियों से जानकारी ली जाएगी. नए और पुराने गार्ड से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है .आवेदन में लिखा गया है कि जिस स्टोर में आग लगी थी, उनके पिता के अधीन नहीं आता ,वहां आसपास में और भवन है लेकिन न तो कहीं आग फैली और न धुवा. जिस में आग लगी उसके ठीक बगल में अस्पताल है .अस्पताल में कई मरीज थे, उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया लेकिन उनके पिता माता व अन्य को मरने के लिए छोड़ दिया गया. पुलिस प्राथमिकी का इंतजार कर रही थी. अब देखना है कि पुलिस आगे क्या करती है. इस बीच आग लगी में घायल सुनील मंडल की हालत में निरंतर सुधार हो रहा है. सोमवार को वेंटिलेटर से हटा लिया गया है. लेकिन ऑक्सीजन दिया जा रहा है. सुनील मंडल ही वह प्रत्यक्षदर्शी है जो सारे संदेह पर से पर्दा हटा सकता है. अब देखना है पुलिस अथवा जांच एजेंसियां इस मामले में आगे क्या करती हैं.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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