शरीर से जीवित है लेकिन कागज में मरी हुई है, इस कलयुगी बेटे को जन्म देकर आज कितनी पछता रही होगी यह मां


धनबाद(DHANBAD): क्या आप सोच सकते हैं कि एक बेटा अपनी जीवित मां को ही मृत बता सकता है? जीवित मां का डेथ सर्टिफिकेट बनवा सकता है? फिर भाई-बहनों को दरकिनार कर खुद मां की संपत्ति का मालिक घोषित कर सकता है? बूढ़े माता -पिता को प्रताड़ित करने की बातें तो अक्सर सुनने को मिलती है, लेकिन जीवित मां को मृत बता कर डेथ सर्टिफिकेट बनवा लेना, कम साहस का काम नहीं है. यह सब हुआ है बिहार के गया में. धन्य है जीवित महिला का डेथ सर्टिफिकेट बनाने वाला विभाग, मामला बेहद चौंकाने वाला है और संवेदनशील भी. बिहार के गया नगर निगम से यह जीवित महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है.
पुलिस में शिकायत की धमकी से डरा निगम
अब महिला कह रही है कि इसकी शिकायत पुलिस में करेगी. महिला का नाम मीना देवी बताया जाता है और उस महिला के बड़े पुत्र दिलीप कुमार ने यह सब किया -कराया है. हैरानी तो यह बात जानकर होती है कि प्रमाण पत्र बनने से पहले कई प्रक्रियाएं पूरी की गई होगी. जीवित महिला की मृत्यु कैसे सत्यापित कर दिया गया, यह तो घोर लापरवाही अथवा किसी अन्य करण का उदाहरण है. बताया जाता है कि महिला के बड़े बेटे दिलीप कुमार ने दावा किया था कि उसकी मां की मौत 28 फरवरी 2024 को उसके घर पर स्वाभाविक रूप से हो गई. 29 मई को इलाके की पार्षद ने इसे प्रमाणित भी किया. 5 जून 24 को दिलीप कुमार ने शपथ पत्र बनवाया, 8 जून को नगर निगम कार्यालय में मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन जमा हुआ.
निगम के जाँच कर्मी ने क्या जाँच की कि जीवित को मृत बता दिया
फिर 27 जुलाई को निगम के जांच कर्मी ने मोहल्ले में जाकर तथाकथित जांच की. इस दौरान स्थानीय दो गवाहों ने पुष्टि भी की. बताया कि मीना देवी की मौत 28 फरवरी को बुढ़ापे के कारण हो गई. फिर यह कागज घूमते हुए 11 सितंबर को नगर निगम पहुंची. फिर मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया. अब महिला के छोटे पुत्र ने भी पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है. छोटे बेटे का कहना है कि उनके भाई ने जालसाजी कर माँ का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया है. अब निगम के अधिकारी बोल रहे हैं कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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