अब विदेशी व्यापार में डॉलर का एकाधिकार खत्म करेगा रुपया, जानिए नई व्यापार नीति में क्या व्यवस्था की गई है


टीएनपी डेस्क (TNP DESK): नई व्यापार नीति की घोषणा कर दी गई है.शुक्रवार यानी 31 मार्च को दिल्ली में बकायदा एक समारोह आयोजित करके इसकी घोषणा की गई और इस नई नीति में क्या प्रावधान किए गए हैं. इसके बारे में विस्तार से स्टेकहोल्डर्स को बताया गया.
दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने विदेश व्यापार नीति 2023 का विजन डॉक्यूमेंट लांच किया. यह नीति 1 अप्रैल,2023 से लागू मानी जाएगी. मंत्री के अनुसार इस नीति में लचीला रुख अपनाया गया है.
विदेशी व्यापार में रुपये का बढ़ेगा महत्व
कार्यक्रम में यह उम्मीद जताई गई कि आने वाले समय में इस नीति का माध्यम से भारत का निर्यात आगे बढ़ेगा. वित्तीय वर्ष 2023-24 निर्यात का वॉल्यूम 760 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है. मंत्री पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि अब विदेशी व्यापार में रुपये का महत्व बढ़ने जा रहा है. अब तक डॉलर का एकाधिकार रहा है लेकिन अब समानांतर रुप से रुपया में भी विदेशी व्यापार होगा.
नई विदेश व्यापार नीति 2023 से 28 तक के लिए लागू होगी. यह 5 वर्षों के लिए बनाई जाती है. इस नई पॉलिसी को लाने में 3 साल का विलंब हो गया क्योंकि कोरोना की वजह से इसे तैयार करने में समय लग गया. मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस नई पॉलिसी का लक्ष्य भारत के निर्यात को साल 2030 तक 2 हजार अरब डालर तक पहुंचाने का है.
3 वर्ष के गैप के बाद बनी नई पॉलिसी
उल्लेखनीय है कि पिछली विदेश व्यापार नीति 2015 से 2020 तक के लिए बनाई गई थी. लेकिन 3 साल के गैप के बाद अब यह नई पॉलिसी बनी है जो 2028 तक लागू रहेगी. इस नई विदेश नीति से कई देशों के साथ व्यापार में लचीला रुख अपनाया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि व्यापार बढ़ने से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी मजबूत होगा.
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