धनबाद (DHANBAD) : क्या यह संयोग है कि चुनाव परिणाम घोषणा के बाद जाम की स्थिति और विकराल हो गई है? क्या अचानक गाड़ियों की संख्या अधिक हो गई है? क्या लोग काफी संख्या में घरों से बाहर निकल रहे हैं? क्या ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है? क्या चुनाव के बाद फिर से ट्रैफिक की व्यवस्था पटरी पर नहीं आई है? यह सब ऐसे सवाल हैं, जो कम से कम धनबाद जिले के दो विधायक राज सिन्हा और बबलू महतो से लोग पूछ रहे है. वैसे, तो धनबाद जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र में जाम की समस्या विकराल है. लेकिन धनबाद और सिंदरी विधानसभा क्षेत्र को लेकर हंगामा अधिक मचा हुआ है. धनबाद शहर में गाड़ियां चलती नहीं, बल्कि रेंगती है. स्कूल से जब बच्चों की छुट्टियां होती है, उस समय तो शहर की सूरत ही बिगड़ जाती है. शहर का कोई कोना ऐसा नहीं होता, जहां जाम से लोगों को दो-चार नहीं होना होता है.
मंगलवार को भी धनबाद शहर जाम रहा, बुधवार को भी
मंगलवार को भी धनबाद शहर जाम रहा, तो बुधवार को भी लगभग यही स्थिति दिखी. यह अलग बात है कि चुनाव के पहले धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा ने जाम से मुक्ति को प्राथमिकता की सूची में रखा था. अब लोग पूछ रहे हैं कि इसके लिए वह आगे क्या करेंगे? उनके पास क्या प्लान है? दूसरी ओर सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में गोविंदपुर के लोग सड़क जाम से त्राहि-त्राहि कर रहे है. मंगलवार को ऐसा जाम लगा कि सैकड़ो वाहन फंसे रहे. घंटो वाहन हिल-ढुल नहीं रहे थे. एक अनुमान के अनुसार दोनों तरफ लगभग 6 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था. इस जाम से पूरा जीटी रोड और लिंक रोड भी प्रभावित हुआ. सिंदरी से पहली बार माले के टिकट पर बबलू महतो चुनाव जीते है. लोग उनसे भी सवाल कर रहे हैं कि चुनाव के पहले तो घोषणाएं की थी. लेकिन उन घोषणाओं का अब क्या? क्या लोग इसी तरह जाम के संकट से परेशान रहेंगे. दरअसल, सड़के तो वही है, लेकिन वाहनों की संख्या बढ़ गई है.
जगह-जगह मुहानों पर वाहन खड़े कर दिए जाते है
दूसरी ओर जगह-जगह मुहानों पर वाहनों के खड़े कर दिए जाने से भी जाम की समस्या उत्पन्न होती है. नो पार्किंग जोन में लगे वाहनों को उठाने के लिए क्रेन की भी खरीदारी हुई थी. घोषणा की गई थी कि जो गाड़ियां नो पार्किंग जोन में खड़ी होंगी, उन्हें क्रेन से उठाकर थाने तक ले जाया जाएगा. फिर गाड़ी मालिकों से फाइन वसूल कर छोड़ा जाएगा. लेकिन ऐसा कहीं कुछ दिखता नहीं है. जो सड़क चौड़ी है, वहां सड़क के दोनों किनारे वाहन लगा दिए जाते है. दुकान सजा दी जाती है. नतीजा होता है कि जाम लग जाता है. ऐसी बात नहीं है कि चुनाव परिणाम घोषणा के बाद ही लोग जाम झेल रहे है. पहले भी जाम लगता था लेकिन चुनाव घोषणा के बाद तो पता नहीं क्यों सड़के जाम अधिक हो रही है. वाहन चलते नहीं, बल्कि रेंगते है. जाम से परेशान लोग विधायक राज सिन्हा और विधायक बबलू महतो से सवाल कर रहे हैं- कि क्या हुआ तेरा वादा??
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+