दुमका/गोड्डा : कहते हैं शौक बड़ी चीज होती है. शौक पूरा करने के लिए सपने देखना पड़ता है और उसे साकार करने के लिए मेहनत. मेहनत जब जुनून बन जाता है तो सपने साकार जरूर होता है.
गोड्डा जिला के महगामा प्रखंड के मड़पा निवासी विकास कुमार सिंह को बचपन से हेलीकॉप्टर में घूमने का शौक था. शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने हेलीकॉप्टर बनाने की योजना पर कार्य शुरू किया और देखते ही देखते अपनी कार को हेलीकॉप्टर का लुक दे डाला. गोड्डा की सड़कों पर हेलीकॉप्टर रूपी कार को फर्राटे भरते देख लोग हैरान हैं. पेशे से वेल्डर और फ़ीटर विकास ने 4 महीने की अथक मेहनत और लगभग 3 लाख रुपए खर्च कर अपनी कार को हेलीकॉप्टर का लुक दिया. 16 नवंबर को यह बनकर तैयार हुआ. इनकी कार को देख कर आप भी यही कहेंगे कि सड़क पर हेलीकॉप्टर चल रहा है. हेलीकॉप्टर की भांति इसमें भी पंखे लगे है. सड़कों पर जब ये अपनी हेलीकॉप्टर रूपी कार को लेकर निकलते है तो न केवल देखने वालों की भीड़ लग जाती है बल्कि सेल्फी लेने वालों की कतार लग जाती है.
विकास कहते है कि बचपन में चुनाव के वक्त जब नेता गांव में हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार के लिए आते थे तो इनके दिल में भी हेलीकॉप्टर की सवारी करने की हसरत होती थी. लेकिन सपना पूरा नहीं हुआ. नतीजा उन्होंने अपनी कार को ही हेलीकॉप्टर का रूप देने का मन बनाया और आज नतीजा सबके सामने है.
वैसे तो 17 दिसंबर 1903 को हवाई जहाज के आविष्कार का श्रेय डब्लू एंड ओ राइट ब्रदर्स को जाता है लेकिन उसके पूर्व रामायण काल में रावण के पुष्पक विमान का उल्लेख मिलता है. समय के साथ 1939 में हेलीकॉप्टर के आविष्कार का श्रेय इगोर सिकोरस्की को जाता है लेकिन न तो राइट ब्रदर्स और न ही सिकोरस्की ने यह सोचा होगा कि हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर को सड़को पर दौड़ाया जा सकता है. गोड्डा के लाल ने एक कदम आगे सोचते हुए स्वनिर्मित हेलीकॉप्टर को सड़को पर दौड़ा कर सबको अचंभित कर दिया. तभी तो कहते है कि बिहार झारखंड के जुगाड टेक्नोलॉजी का कोई जोड़ नहीं है.
रिपोर्ट : पंचम झा/अजित
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