धनबाद(DHANBAD): धनबाद के "राजनीतिक समुंद्र" में लहरें एक बार फिर तेजी से उठ रही है. केंद्र में है लॉ एंड ऑर्डर एवं कोयला चोरी. लहरें अभी उठनी शुरू ही हुई थी कि इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा की भी एंट्री हो गई. झारखंड मुक्ति मोर्चा की एंट्री के बाद लहरें उठनी तेज हो गई है. भाजपा से इस्तीफा दिए मारवाड़ी महासभा के अध्यक्ष कृष्णा अग्रवाल धनबाद की बिगड़ी ला- आर्डर के खिलाफ 30 नवंबर से सत्याग्रह की घोषणा की है. तो विधायक राज सिन्हा ने 2 अक्टूबर को जन आक्रोश यात्रा निकालने का ऐलान किया है. इस बीच सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधायक राज सिन्हा पर कोयला चोरी में शामिल होने का आरोप लगा दिया. वैसे तो लॉ एंड ऑर्डर तथा कोयला चोरी धनबाद की ,फिलहाल की राजनीति के केंद्र में है. कृष्णा अग्रवाल ने इन्हीं मुद्दों पर भाजपा से इस्तीफा दिया. विधायक राज सिन्हा ने भी इसके जवाब में 2 दिसंबर को जान आक्रोश यात्रा की घोषणा कर दी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विधायक को लिया निशाने पर
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सरकार में होने के धर्म को निभाते हुए सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज सिन्हा पर निशाना साधा. झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कार्यालय में जिला अध्यक्ष ने कहा कि धनबाद में अपराधिक घटनाओं में शामिल लोगों पर जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. विधायक की छटपटाहट साफ दिखती है कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है. भाजपा के लोगों पर उन्होंने कोयला चोरी में शामिल रहने का आरोप लगाया. केंद्रीय सदस्य डॉक्टर नीलम मिश्रा ने कहा कि धनबाद में असामाजिक तत्वों के मुख्य संरक्षक के रूप में भाजपा के लोग काम कर रहे है. जब असामाजिक तत्वों पर प्रशासन कार्रवाई करता है तो भाजपा के लोग धरना -प्रदर्शन और आंदोलन की बात करते है. फिलहाल धनबाद की राजनीति त्रिकोणीय दिखने लगी है. कृष्णा अग्रवाल ने भी इन्हीं सब मुद्दों को लेकर इस्तीफा दिया है, तो इन्हीं सब को लेकर विधायक राज सिन्हा ने जान आक्रोश यात्रा की घोषणा की है. फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा पिक्चर में आया और विधायक को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है.
विधायक की घोषणा -सड़क से सदन तक जाएंगे
विधायक राज सिन्हा ने कहा है कि गिरती कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी. 2 दिसंबर को जन आक्रोश रैली निकाली जाएगी, उसके बाद आंदोलन को रांची तक ले जाया जाएगा. राज भवन भी जाएंगे, जरूरत पड़ी तो संसद के नेतृत्व में केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे. इधर, कृष्णा अग्रवाल ने कहा था कि कारोबारी भाजपा के वोटर हैं और भाजपा उनको सुरक्षा नहीं दे रही है. जिस तरह से कारोबारी के पक्ष में भाजपा को खड़ा होना चाहिए था, पार्टी दिख नहीं रही है. ऐसे में वह घुटन महसूस कर रहे हैं और भाजपा में बने रहना उनके लिए उचित नहीं है. अभी यह सब चल ही रहा था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की भी एंट्री हो गई. यह बात अलग है कि धनबाद में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर कारोबारी डरे और सहमे हुए है. हालांकि पुलिस भी ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है और धमकी देने वाले लोगों को पकड़ पकड़ कर जेल भेज रही है. सिर्फ धनबाद ही नहीं, दूसरे जिलों और दूसरे प्रदेशों से भी गैंग्स से जुड़े लोगों को पकड़कर जेल भेजा जा रहा है. झारखंड एटीएस भी धनबाद में सक्रिय है और इसके साथ ही राजनीति भी हिलोरे मार रही है देखना है. देखना है राजनीति में जो यह तूफान आया है, उसका परिणाम क्या निकलता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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