दुमका(DUMKA): झारखंड में अंधविश्वास की जड़ें काफी मजबूत है.खासकर डायन बिसाही के मामले समय समय पर समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती है.वैसे तो इस पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कानून भी बनाए गए है. इसके बाबजूद समय समय पर डायन के संदेह में प्रताड़ना का ऐसा मामला सामने आता है. जिसे सुनकर किसी भी सभ्य समाज का सर शर्म से झुक जाता है. हम सोचने पर विवश हो जाते है कि आखिर हमारा समाज अंधविश्वास के इस मकड़जाल से कब बाहर निकलेगा.पन्नो में दर्ज नियमों को जन जन तक पहुचाने के लिए सामाजिक चेतना का होना आवश्यक है और इसके लिए सबसे अहम से जागरूकता अभियान चलाना.
स्कूल में चला जागरूकता अभियान
हाल के दिनों में दुमका पुलिस द्वारा अंधविश्वास के साथ ही सड़क सुरक्षा को लेकर जन जागरूकता अभियान की शुरुवात की गयी है. शहर से लेकर गांव तक, चौक चौराहे से लेकर गली मुहल्लों तक पुलिस द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा. इसी कड़ी में जरमुंडी थाना की पुलिस द्वारा उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय कंजिया जामा में छात्रों और अभिभावकों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया. छात्रों को समझाया गया कि अंधविश्वास मन का भ्रम है. भूत, पिचास, डायन , विषाही जैसा कुछ नहीं होता.
सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर होंगे पुरुस्कृत
थाना प्रभारी दयानंद साह के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा सड़क सुरक्षा के नियम बताए गए. खुद नियमों का पालन करते हुए अपने अपने अभिभावकों को भी समझाने का प्रयास करें.वाहन चलाते वक्त क्या करें और क्या ना करें इसकी विस्तार से जानकारी दी गयी.सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल पहुचाने वालों को सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाता है.
पुलिस के कार्य की सराहना
सच कहा जाए तो जन जागरूकता के माध्यम से ही ना केवल अंधविश्वास के जाल से हम बाहर आ सकते है बल्कि सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन कर अपने और अपने परिवार को खुशहाल बना सकते हैं. इस दिशा में पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयास की सराहना होनी चाहिए.
रिपोर्ट: पंचम झा
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