रांची(RANCHI): झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा नियोजन नीति 2021 रद्द किए जाने के बाद से झारखंड में नियुक्ति की प्रक्रिया रुक गई है.इसको लेकर बेरोजगार युवाओं में बड़ा रोष है. सरकार को शक की निगाह से देखा जा रहा है.युवाओं का कहना है कि यह सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.उल्लेखनीय है कि दिसंबर में आयोजित विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य भर के युवाओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए विधानसभा घेराव का कार्यक्रम रखा था.उस समय सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कई माननीयों ने आंदोलनरत छात्रों से मुलाकात कर आश्वासन दिया था कि जल्द ही नियोजन नीति सरकार बना लेगी.
समय बीतता जा रहा है.फरवरी बीत रहा है.अब बजट सत्र शुरू होने वाला है.ऐसे में सरकार में शामिल राजनीतिक दलों के लोगों से सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर नियोजन नीति कब बनकर तैयार होगी. मालूम हो कि स्नातक स्तर पर होने वाले कर्मचारी चयन आयोग की तमाम परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं. झारखंड हाईकोर्ट ने नियोजन नीति को त्रुटिपूर्ण और संविधान की भावना के विपरीत बताते हुए रद्द कर दिया था. तभी से सरकार चारों तरफ से आलोचना की मार झेल रही है. इधर प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि बेरोजगार युवाओं को सरकार ने अपनी गलत सोच की वजह से चौराहे पर ला खड़ा किया है. लिहाजा भविष्य अंधकार में हो रहा है. सरकार का नेतृत्व करने वाली पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता कहते हैं कि सरकार बजट सत्र के दौरान नियोजन नीति से संबंधित नया प्रस्ताव ला रही है बेरोजगार युवाओं को धैर्य रखना चाहिए जल्द ही उन्हें खुशखबरी मिलेगी.
इधर बेरोजगार युवाओं का कहना है कि सरकार उनके साथ छल कर रही है. इस कारण से उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि सरकार जल्द ही फुलप्रूफ नियोजन नीति लाने जा रही है. बेरोजगार युवाओं को निश्चित रूप से नई नीति से खुशी मिलेगी. उधर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह का कहना है कि सरकार को नियोजन नीति बनाना चाहिए. वह किस तरह से नीति बनाती है, उसके देखने के बाद ही भाजपा कोई कमेंट कर सकती है. साथ ही आरोप लगाया कि सरकार की सोच ही नहीं है कि वह बेरोजगार युवाओं को नौकरी दे.
सरकारी सूत्रों के अनुसार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से प्रस्ताव आएगा जो नियोजन नीति से संबंधित होगा इस नए कानून से झारखंड के मूलवासी और आदिवासी समाज के बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी पाने में प्राथमिकता मिलेगी. विधि विभाग से कही इस पर परामर्श लिया जा रहा है.
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