रांची(RANCHI): झारखंड में जमीन से संबंधित विवादों की पुरानी कहानी रही है. जमीन को लेकर कई बार लोगों के बीच झंझट हिंसा में बदल जाता है. राज्य सरकार पहले भी कई कानून बनाए हैं लेकिन इस बार एक नया कानून बन रहा है, जो संभवत लोगों को राहत दे पाएगा.
अभी फिलहाल ऐसी शिकायतें अधिक आती है कि एक ही जमीन पर कई मालिक सामने आ जाते हैं और केस मुकदमों की नौबत आ जाती है. यह भी देखा गया है कि किसी जमीन का मालिक कई लोगों को इसकी रजिस्ट्री कर उन्हें ठग लेता है.अब एक नई व्यवस्था सरकार लाने जा रही है जिसके अंतर्गत सारा कुछ ऑनलाइन होगा. वैसे ऑनलाइन तो अभी भी बहुत कुछ है लेकिन इस बार जो व्यवस्था हो रही है उसमें म्यूटेशन यानी दाखिल खारिज की प्रक्रिया बहुत ही पारदर्शी और सुविधाजनक होगी. म्यूटेशन रजिस्ट्री के तुरंत बाद भी हो सकता है. यह सब जमीन के खरीदार को ही करना पड़ेगा. रजिस्ट्री के समय ही उन्हें यह पता चल जाएगा कि जमीन पर मालिकाना हक किसका है और रजिस्टर टू में किसका नाम है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग म्यूटेशन से संबंधित एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर रहा है जो ऑनलाइन सिस्टम पर आधारित होगा. इससे संबंधित विधेयक आगामी बजट सत्र में आने वाला है.विभाग के एक अधिकारी के अनुसार म्यूटेशन से संबंधित ऑनलाइन सिस्टम में पूरी तरह से पारदर्शिता रहेगी सामान्य रूप से यह देखा जाता है कि म्यूटेशन यानी दाखिल खारिज के लिए लोगों को अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है और वहां बाबू को रिश्वत देने पड़ते हैं. विभाग जिस प्रकार से दावा कर रहा है उससे यह लग रहा है कि लोग घर में बैठकर ही म्यूटेशन से संबंधित प्रक्रिया कर सकेंगे.अगर सबकुछ सरकार ने अपेक्षा के अनुरूप किया तो लोगों को निश्चित रूप से फायदा होगा.
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