रांची(RANCHI): झारखंड सरकार के लिए नियोजन नीति गले की हड्डी बन गयी है. पहली नियोजन नीति कोर्ट से रद्द होने के बाद नई नियोजन नीति हेमन्त सरकार ने बनाया है. लेकिन इस नीति में क्या है किसी को मालूम नहीं है. नई नियोजन नीति बनाने के पूर्व सरकार ने एक सर्वे कराने का दावा किया है. इस सर्वे के माध्यम से ही नियोजन नीति बनाई गई है. लेकिन छात्रों का मानना है कि कोई सर्वे नहीं कराया गया है. फेक कॉल के जरिए छात्रों के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है. वहीं विपक्ष भी सरकार पर नियोजन नीति को लेकर हमलावर है. भाजपा का मानना है कि यह सरकार रोजगार देने के बजाय छीनने वाली है. सत्ता में आने से पहले पांच लाख रोजगार और बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी. लेकिन सब जुमला निकला.
बाबूलाल मरांडी ने क्या कहा
भाजपा विधायक दल नेता बाबूलाल मरांडी कहा कि हमलोग सदन चलते हुए नई नियोजन नीति पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं. इस नियोजन नीति में क्या है किसी को मालूम नहीं है. 1932 का क्या हुआ इसपर मुख्यमंत्री कुछ बोलने से बच रहे हैं. झारखंड के छात्र को दिग्भ्रमित हैं. नीति में क्या है यह जानना चाहते हैं. बावजूद सीएम एक शब्द नहीं बोल रहे है.
सरकार नौजवानों के मुद्दे पर संवेदनशील : सत्या नन्द भोक्ता
वहीं सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री सत्या नन्द भोक्ता ने कहा कि सरकार नौजवानों के मुद्दे पर संवेदनशील है. हम युवाओं को ध्यान में रख कर नीति ला रहे है. नई नियोजन नीति से यहाँ के स्थानीय छात्रों को सीधा फायदा होगा. सरकार इसके लिए चर्चा कर युवाओं को फायदा पहुंचा रही है. उन्होंने बताया कि सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए झार नियोजन पोर्टल भी लाया है. इसके जरिए यहाँ के 75 प्रतिशत युवाओं को रोजगार मिलेगा.
इसके अलावा जब हमने छात्र नेताओं से बात किया तो उनका मानना है कि सरकार युवाओं को ठगने का काम कर रही है. लेकिन इस बार आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है. छात्र नेता का कहना है कि आखिर नियोजन नीति में है क्या यह किसी को नहीं मालूम है. सरकार की ओर से गोल मोल जवाब दे रही है. अब छात्र आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है.
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