धनबाद(DHANBAD): धनबाद के विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में "ऑपरेशन क्लीन "शुरू हो गया है. राजभवन की इस विश्वविद्यालय पर पैनी निगाह है. अब तक जितनी भी गड़बड़ियां हुई है, उनमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत तेज हो गई है. अगला नंबर किसका, यह फिलहाल यूनिवर्सिटी परिसर में चर्चा का विषय बना हुआ है. जिस ढंग से इस नवजात विश्वविद्यालय में गड़बड़ियों को अंजाम दिया गया है, वह चौंकाने वाली है.शुरुआती काल से ही घपले घोटाले का खेल शुरू कर दिया गया .
विश्वविद्यालय के वित्त सलाहकार संजय कुमार वर्मा को भी हटाने का आदेश जारी
इधर, राज भवन ने कुलपति के पद से प्रोफेसर भोई को पदमुक्त करने के बाद शुक्रवार की शाम विश्वविद्यालय के वित्त सलाहकार संजय कुमार वर्मा को भी हटाने का आदेश जारी कर दिया. आदेश मिलते ही घंटे भर के अंदर उन्हें रिलीव कर दिया गया. संजय कुमार वर्मा पर आरोप है कि विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता के संबंध में उन्होंने राजभवन को कोई सूचना नहीं दी. यूनिवर्सिटी के नए प्रशासनिक भवन के सीनेट हाल में फर्नीचर खरीद मामले में पिछले दिनों राज्य भवन ने वित्त सलाहकार संजय कुमार वर्मा, पूर्व रजिस्ट्रार डॉक्टर सुधीनता सिंह, पूर्व फाइनेंस ऑफिसर डॉक्टर मुनमुन शरण से उनका पक्ष मांगा था.
विश्वविद्यालय परिसर में मचा हड़कंप
गुरुवार को ही संजय वर्मा ने अपना जवाब राजभवन को भेजा था. लेकिन जवाब से असंतुष्ट होते हुए शुक्रवार की शाम राज भवन ने उन्हें पद से हटाने का आदेश जारी किया. अब इस कार्रवाई के बाद तो विश्वविद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया है. 15 दिनों में दो बड़े अधिकारियों को हटाने का आदेश देकर राज भवन ने यह साफ कर दिया है कि वित्तीय अनियमित के मामले में किसी को छोड़ नहीं जाएगा. हो सकता है कि अगले सप्ताह या उससे आगे और कुछ लोगों पर कार्रवाई हो.
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जानिए संजय कुमार वर्मा ने क्या कहा
इधर ,वित्त सलाहकार पद से हटाए जाने के बाद संजय कुमार वर्मा ने मीडिया से कहा कि प्रोफेसर भोई के कार्यकाल में उनके पास कोई फाइल नहीं आती थी. वित्तीय संबंधी कोई चर्चा भी अधिकारियों से नहीं की जाती थी. मुझे यह जानकारी राज भवन को देनी चाहिए थी कि मेरे पास कोई फाइल नहीं आ रही है . यह चूक हुई है .बहरहाल जो भी हो, विश्वविद्यालय परिसर में अभी सिर्फ कार्रवाइयों की चर्चा हो रही है. देखना होगा कि अगले सप्ताह या 10 दिन में और किन-किन अधिकारियों पर गाज गिरती है.
रिपोर्ट:धनबाद ब्यूरो
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