बोकारो(BOKARO): बोकारो में प्रस्तावित फ्लोटिंग सोलर प्लांट यानी पानी में तैरता सोलर प्लांट का काम सेल और एनटीपीसी के संयुक्त उद्यम एनटीपीसी सेल पावर कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल ) करेगी. इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच समझौता हो चुका है. पहले चरण में 30 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर प्लांट कूलिंग पौंड नंबर एक में बनेगा.भविष्य में इसे 100 मेगावाट क्षमता तक करने की योजना है.
2024 के प्रारंभ में फ्लोटिंग सोलर प्लांट योजना का काम शुरू
आपको बताये कि आधिकारिक तौर पर सैद्धांतिक करार हो चुका है. कंपनी ने परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया है.2024 के प्रारंभ में योजना पर काम प्रारंभ होगा और छह माह में प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा.फिलहाल बोकारो स्टील के थर्मल पावर प्लांट का संचालन डीवीसी कर रहा है. इस समझौते के बाद देश के दो बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के ऊर्जा उत्पादक कंपनियों का बोकारो में आगमन होगा. अब तक एनटीपीसी भिलाई और दुर्गापुर में ही काम कर रही थी.
जाने कैसे वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग के लिए सरकार कर रही है प्रोत्साहित
बोकारो स्टील के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने बताया कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सार्वजनिक उपक्रम को वैकल्पिक ऊर्जा का उपयोग करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जा रहा है.कुलिंग पौंड एक के बाद गरगा डैम और उसके बाद सूर्य मंदिर सेक्टर आठ के पास ग्राउंड सोलर प्लांट लगाया जाएगा. कंपनी का लक्ष्य है कि आनेवाले पांच वर्षों में शहर की जरूरतों के साथ कार्यालय के लिए बिजली का उत्पादन सोलर पर आधारित हो.
कंपनी के विशेषज्ञों में कुलिंग पौंड एक बाथिमेट्री सर्वे किया है.
संचार प्रमुख ने बताया कि पहले कंपनी के विशेषज्ञों में कुलिंग पौंड एक बाथिमेट्री सर्वे किया है. यह सर्वेक्षण वैसी सभी परियोजनाओं के लिए किया जाता है जो कि जल की सतह पर स्थापित होनेवाली हो. इसके माध्यम विशेषज्ञ जलाशय में जल की गहराई, जल के नीचे के भूभाग का प्रकार, उसकी स्थिति का आकलन करते हैं.फ्लोटिंग सोलर प्लांट पैनल पर आधारित होगा, जो कुलिंग पौंड एक के जलाशय की स्थिति पर भी निर्भर करेगा.
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