अब आदिवासी बच्चा बनेगा पायलट,गुरुजी का सपना होगा साकार,दुमका में फ्लाइंग इंस्टिट्यूट का उद्घाटन
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रांची(RANCHI): संथाल परगना प्रमंडल के युवा युवती का पायलट बनने का सपना पूरा होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका एयरपोर्ट पर फ्लाइंग इंस्टिट्यूट का उद्घाटन किया है. हर साल इस संस्था से 30 बच्चे को ट्रेनिंग दिया जाएगा.इसमें भी 15 बच्चो का खर्च राज्य सरकार उठाएगी.यानि अब साफ है कि आदिवासी बच्चे भी पायलट बन कर आसमान में उड़ान भरते दिखेंगे. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका पहुंच कर इस संस्था का उद्घाटन किया है.

तस्वीर में दिख रही सभी ग्लाइडर और हेलिकाप्टर दुमका एयरपोर्ट पर खड़े है. और इसी से यहां के आदिवासी बच्चे आसमान में उड़ान भरते दिखेंगे. यह महज एक सपना जैसा है लेकिन अब हकीकत में बदल गया. संथाल परगना प्रमंडल को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बड़ी सौगात के रूप में दिया है.
15 बच्चों को राज्य सरकार वहन करेगी पूरा खर्च
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अब झारखंड के बच्चे ट्रेनिंग लेकर आसमान में उड़ान भरते दिखेंगे. जब एक साल बाद 30 बच्चे ट्रेनिंग पूरा कर निकलेंगे और देश दुनिया में प्लेन लेकर जाएंगे. यह कोई सपना नहीं है इसमें समय लगेगा लेकिन आप के भी दिन बदल जाएंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस ट्रेनिंग से कोई सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. लेकिन एक मजबूत नौकरी होगी जिससे आप किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा खुद के पैर पर खड़े हो कर आसमान में बात करेंगे.
एक लंबी विकास की लकीर खिचना है
उन्होंने कहा कि रजत जयंती के मौके पर एक नई शुरुआत की गई है. संथाल परगना प्रमंडल से शुरू हो कर रांची और दिल्ली तक विकास की गूंज सुनाई देगी. अब झारखंड बदल रहा है और इसकी शुरुआत संथाल परगना प्रमंडल से की गई है.
गुरुजी को याद कर भावुक हुए
इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भावुक भी हुए और गुरुजी को याद कर आँख भर आई. सीएम ने कहा कि गुरुजी का सपना था की आदिवासी भी प्लेन उड़ाये और आसमान में दिखे. लेकिन गुरुजी अब हमारे बीच में नहीं है. लेकिन उनकी सरकार राज्य में है और उनके सपने को पूरा किया जा रहा है.
रिपोर्ट: पंचम झा
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