देवघर(DEOGHAR): मजदूर दिवस के बीते अभी कुछ दिन ही हुए है.1 मई के दिन बड़े-बडे नेता और अधिकारियों ने मजदूरों के हित और हक में बड़ी-बड़ी बातें की. उनके बात करने के अंदाज से ऐसा लगा. जैसे अब तो मजदूरों की जिंदगी मानो सुधर ही गई. उनके भाषणों को सुनकर कमजोर और असहाय मजदूरों के मुंह पर एक मिनट के लिए ही सही मुस्कान खिली. लेकिन उन्हे क्या पता कि ये झूठे और धोखेबाज लोग बस अपनी तस्वीर पेपर में छपवाने के लिए उनके साथ कुछ देर के लिए छल करने के इरादे से आते है. कोई उनकी हक की बात ना करनेवाला है. ना ही उनको उनका हक दिलानेवाला है. उनकी जिंदगी को ये लोग सुधारनेवाले नहीं है बल्कि उसको और बद्तर करनेवाले है.
एनकेजी कंस्ट्रक्शन कंपनी पर मजदूरों से शोषण का आरोप
तभी, तो बाबा नगरी के जिस एम्स में हर बीमारी के ईलाज के लिए लोग पूरे राज्य से आते है. वहीं काम करनेवाले मजदूरों को ईलाज के लिए तरसना पड़ता है. लेकिन उनकी तकलीफ और पीड़ा को सुनने और समझनेवाला कोई नहीं है. उन्हे जानवरों की तरह बस कंपनी और ठेकेदार दिन रात काम करवाते है. और मजदूरी के नाम पर उनका शोषण करते है. और यदि काम करने के दौरान किसी को कोई चोट लग जाये या तबियत खराब हो जाये तो उनको दूध से मक्खी की तरह निकाल कर बाहर फेंक दिया जाता है.
बाबानगरी देवघर में हो रहा है लगातार मजदूरों का शोषण
एक ऐसा ही मामला बाबानगरी देवघर से आया है. जहां एम्स की बिल्डिंग का निर्माण करनेवाली एनकेजी कंस्ट्रक्शन कंपनी विवादों के घेरे में है. इस कंस्ट्रक्शन कंपनी में पर मजदूरों के शोषण के आरोप लग रहे है. इसमे झारखंड के ही नहीं बिहार, ओडिसा सहित अन्य राज्यों के सैकड़ों मजदूर काम करते हैं. जिसमे मजदूरों का लगातार कंस्ट्रक्शन कंपनी शोषण कर रही है. एक ताज़ा मामला सोमवार को सामने आया.
काम करने के दौरान पैर कटने पर नहीं की गई ईलाज की व्यवस्था
जिसमे इसी कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करने वाले एक मजदूर का पैर काम करने के दौरान कट गया था. और कमर से नीचे भयानक दर्द था. लेकिन मजदूर की पीड़ा को कंस्ट्रक्शन कंपनी के लोगों ने नहीं सुनी. इसके इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई. थक हारकर मजदूर ने बाहर से अपना इलाज करवाया. इस कंपनी की ओर से मजदूरों के शोषण का ये कोई नया मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामल सामने आये है. फिर भी इन मजदूरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
एनकेजी कंस्ट्रक्शन कंपनी पर पहले बी लग चुके है लापरवाही के आरोप
एम्स का निर्माण कर रही एनकेजी कंस्ट्रक्शन कंपनी की असंवेदनशीलता कहिए या लापरवाही लेकिन कुछ दिन पहले ही इसकी लापरवाही से एम्स परिसर में आग लग गई थी. आग लगने के बाद कंपनी के पास नियंत्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. अब मजदूरों की मदद के लिए श्रम विभाग और ऐम्स प्रबंधन को सामने आकर मजदूरों का साथ देना चाहिए.
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