टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-आठ अगस्त तक झारखंड में जोरदार बारिश हुई, झमाझम पानी बरसने से किसानों ने राहत की सांस ली. उनके चेहरे पर मुस्कान खिल गई थी. लेकिन, इसके बाद मानसून फिर कमजोर पड़ता दिखाई पड़ने लगा. आसमान में धूम और उमस से आम आवाम परेशान सा दिख रहा है . हालांकि, अभी भी यही हालात प्रदेश में अगले चार से पांच दिन तक रहने वाली है. वैसे मौसम विभाग ने राज्य के तीन प्रमंडल राज्य के तीन प्रमंडल संथाल परगना, कोल्हान और पलामू को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. यहां भारी बारिश की संभावना जतायी गई है. इन तीन प्रमंडल को छोड़कर प्रदेश के अन्य हिस्सों में बादल छाए रहेंगे. राजधानी रांची में हल्की और मध्यम दर्जे की वर्षा की संभावना जतायी गयी है.
30 जुलाई से मॉनसून हुआ था सक्रिय
इस साल जितनी बारिश की उम्मीद की गई थी, उसके मुकाबले बारिश नहीं हो सकी. आठ अगस्त तक राज्य के लगभग सभी हिस्सों में पानी बरसा. जिसके चलते निराश किसानों को उम्मीदें जगी और खेतों में सूख रहे उनके बिचड़े में जान आयी. इसी बारिश की बदौलत 70 प्रतिशत हिस्सों में धानरोपनी हो चुकी है. अब आगे किसानों को उम्मीद है कि बारिश जोरदार होने से उनकी फसल की बढ़ोत्तरी में फायदा मिलेगा. इससे पहले जून-जुलाई महीने में मॉनसून की बेरुखी के चलते खेतों में दरारें पड़ चुकी थी.
सामान्य से कम हुई वर्षा
बारिश तो इधर देखने को मिली, बहुत हद तक लोग इस मेघ से संतुष्ट भी दिखे. लेकिन, इस बरसात में जितना पानी बरसना चाहिए था. उसके मुताबिक पानी नहीं बरसा है. अभी ततक राज्य में सामान्य से 37 मिमी कम बारिश हुई है. अभी तक के आंकड़ों की माने तो 1 जून से अब तक सामान्य वर्षापात 627.6 मिमी वर्षा होती है लेकिन इससे कम 395 मिमी वर्षा ही हुई है। लाजमी है कि जितना पानी बरसना चाहिए थे, उतना नहीं बरसा है. मौसम की लगातार ऑख मिचौली से खासकर किसान चिंतित है. उनकी चिंता भी लाजमी है कि ,क्योंकि बिना पानी के उनकी फसल को नुकसान होगा . अगर अन्नदाता निऱाश होंगे, तो इसका असर तो जाहिर है, सबपर पड़ेगा.
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