धनबाद(DHANBAD): संथाल परगना झारखंड मुक्ति मोर्चा की रीढ़ है तो भाजपा की भी संथाल परगना पर नजर है. हेमलाल मुर्मू के भाजपा छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा में आने के बाद से ही झारखंड में तोड़फोड़ की जमीन तैयार हो रही है. कई नेता कई लोगों के संपर्क में हैं. बोरियों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम फिलहाल बागी तेवर अपनाए हुए हैं. कभी स्थानीयता तो कभी आरक्षण के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रहे हैं. अपनी ही सरकार के खिलाफ उनकी आवाज तेज हो गई है. 30 जून को विस्फोट करने की बात लोबिन हेंब्रम ने कही है.
30 जून को लॉबिन क्या करेंगे
इधर लोबिन हेंब्रम की गतिविधियों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय नेतृत्व भी चुप नहीं बैठा है. उसने भी अपनी योजना बना रखी है. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लगातार लोबिन हेंब्रम की गतिविधियों पर नजर रख रहा है. सरकार के खिलाफ रैली से लेकर बयान का जुगाड़ कर पार्टी नेतृत्व रख रहा है. हो सकता है कि सही समय पर झारखंड मुक्ति मोर्चा कुछ निर्णय ले. अभी परिस्थितियां आकार नहीं ले रही हैं. धनबाद में झामुमो के एक नेता ने चर्चा के दौरान कहा कि पार्टी अभी लोबिन हेंब्रम पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी. 30 जून को विस्फोट करने की बात उन्होंने कही है. पहले पार्टी देखना चाहेगी कि 30 जून को वह क्या विस्फोट करते हैं . हालाकि झारखंड मुक्ति मोर्चा यह मानकर चल रहा है कि वह भाजपा में ही जाएंगे .अगर बिना किसी कार्रवाई के ही वह खुद बाहर चले जाएं तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है. पार्टी को कोई एक्शन नहीं लेना पड़ेगा.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास दूसरी योजना भी तैयार
इधर, अभी हाल ही में हेमलाल मुर्मू झारखंड मुक्ति मोर्चा में आए हैं. पूर्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रह चुके हैं. फिर भाजपा में चले गए थे. अब झारखंड मुक्ति मोर्चा में आ गए हैं. अगर लोबिन हेंब्रम झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर भाजपा अथवा किसी दूसरे दल में जाते हैं तो झारखंड मुक्ति मोर्चा यह सोचकर निश्चिंत है कि बोरिओ सीट से वह विधायक का चुनाव हेमलाल मुर्मू को लड़ाएगा. इस तरह झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास दूसरी योजना भी तैयार है. देखना है कि भाजपा से तोड़कर हेमलाल मुर्मू को झारखंड मुक्ति मोर्चा में लाने के बाद क्या लोबिन हेंब्रम के रूप में भाजपा बदला लेगी या फिर 30 जून को विस्फोट की बात कहने वाले लोबिन हेंब्रम का मामला शांत हो जाएगा और वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में ही रहेंगे. वैसे 2024 के चुनाव आते-आते संथाल सहित पूरे झारखंड में कई रंग देखने को मिलेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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