कोयलांचल के अवैध धंधेबाजों की हिम्मत तो देखिए,जानिए कैसे रेडिंग टीम को आगे बढ़ने नहीं दिया


धनबाद(DHANBAD): सड़क के एक तरफ कोयले के अवैध धंधे बाज तो दूसरी ओर प्रशासन और सीआईएसएफ के अधिकारी घंटो रही मोर्चाबंदी लेकिन कोयले के अवैध धंधेबाज नहीं हटे. हटाने की चेतावनी उद्घोषित होती रही फिर भी कोई असर नहीं. बात ना बिगड़े, इसको देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने ही अपना रास्ता बदल लिया. जी हां, ऐसा ही गुरुवार को मधुबन थाना क्षेत्र के फुलारीटांड आशा कोठी खटाल के पास हुआ. छापेमारी करने को जा रहे अधिकारी जगह तक नहीं पहुंच पाए, रास्ते से ही लगभग 90 टन कोयला जब्त कर आगे बढ़ने से परहेज किया. अवैध कोयला के धंधेबाज सड़क पर अधिकारियों से भिड़ंत के मूड में थे. दोनों तरफ से मोर्चाबंदी चल रही थी लेकिन काफी सोच -विचार कर अधिकारियों की टीम ही लौट गई. सीआईएसएफ के अधिकारी पिछले 3 नवंबर की घटना को याद कर हिम्मत नहीं जुटा पाए.
कोयला धंधेबाज और सीआईएसएफ के बीच हुई थी भिड़ंत
उस दिन कोयला धंधेबाज और सीआईएसएफ के बीच भिड़ंत हो गई थी और कई जवान घायल हो गए थे. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार छापामारी करने पहुंचा दल फुलारीटांड पहाड़ी शिव मंदिर होते हुए आकाश कोठी खटाल पहुंचने वाला था. लेकिन खटाल से लगभग 500 मीटर पहले ही सड़क पर मिट्टी और पत्थर गिरा कर मार्ग को अवरुद्ध कर दिया गया था. दर्जनों युवक मुंह पर गमछा बांधे खड़े हो गए थे. सीआईएसएफ लाउडस्पीकर से उन्हें रास्ते से हट जाने की चेतावनी दे रही थी लेकिन युवक डटे रहे. लगभग डेढ़ घंटे तक मोर्चाबंदी चली, इसी बीच बीसीसीएल प्रबंधन ड्रोन कैमरा उड़ाया, उसके बाद सड़क पर डटे युवक हेट. पुलिस का कहना है कि इस संबंध में बीसीसीएल की शिकायत पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. BCCL अधिकारी का कहना है कि मामले की शिकायत मधुबन पुलिस को दी गई है. अवैध खनन में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.
कोयलांचल में यह तो एक उदाहरण है,रोज हो रही समान घटनाएं
कोयलांचल में यह तो एक उदाहरण है, इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही है. छापेमारी दल पर अवैध धंधे बाज भारी पड़ रहे है. कुछ दिन पहले इसी इलाके में सीआईएसएफ की गोली से 4 ग्रामीणों की मौत हो गई थी. उसके बाद काफी हंगामा मचा था. जांच पड़ताल भी चल ही रही है. अवैध धंधेबाज सीआईएसएफ से हथियार छीनने की कोशिश कर रहे थे. खुद की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें 4 ग्रामीणों की मौत हो गई थी. इन सब घटनाओं को ध्यान में रखते हुए छापामार दल बहुत अधिक ररिस्क उठाना शायद उचित उचित नहीं समझा हो लेकिन ऐसी घटनाओं से निश्चित रूप से अवैध धंधों का मनोबल बढ़ेगा, कुछ भी करने को तत्पर हो जाएंगे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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