रांची(RANCHI): शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा की आराधना का वक्त आ रहा है. नवरात्रि करने वालों के लिए यह एक बड़ा अवसर होता है.मां दुर्गा के इस 10 दिवसीय पूजा और दशहरा का लोगों को बड़ा इंतजार है. झारखंड की राजधानी रांची समेत पूरे प्रदेश में बड़े उत्साह से इस बार दुर्गा पूजा का आयोजन हो रहा है. पूजा समितियां भव्य पूजा पंडाल बनाने में लगी है.
शारदीय नवरात्र का शुभारंभ रविवार 15 अक्तूबर से हो रहा है. उससे एक दिन पहले महालया होता है. इसी दिन पितृपक्ष की पूर्णाहुति होती है.स्मरण रहे 14 अक्तूबर पितृ विसर्जन के दिन सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है. वैश्विक स्तर पर इस बार इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्तूबर को है . लेकिन यह भारत में प्रभावी नहीं है.यह सूर्य ग्रहण रात्रि 8:34 मिनट से शुरू होगा और 15 अक्तूबर की मध्य रात्रि 2. 35 मिनट खत्म होगा. इसलिए यह भारत में नहीं दिखेगा. जब भारत में नहीं दिखेगा तो इसका कोई नकारात्मक या सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा.
नवरात्रि के दिन और तिथियां
पंडित किशोरानंद झा के अनुसार-
पहली पूजा यानी कलश स्थापन 15 अक्टूबर है. इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है.
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है.
तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा की पूजा अर्चना की जाती है.
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा होती है.
नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा होती है.
नवरात्रि के छठे दिन कात्यायनी की पूजा अर्चना करते हैं.
7 वें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है.
महाष्टमी 22 अक्टूबर को है.इस दिन सिद्धिदात्री की पूजा होती है.
नवरात्रि के नवें दिन महागौरी की पूजा होती है. इस दिन हवन कार्य भी होता है. व्रती अपना नवरात्र व्रत पूरा करते हैं.
24 अक्टूबर को दशहरा है इस दिन रावण दहन का कार्यक्रम होता है.
इस प्रकार देखा जाए तो प्रत्येक दिन एक पूजा है किसी एक दिन में दो तिथि का प्रवेश नहीं है.धर्माचार्य के अनुसार मां भगवती की पूजा अर्चना के प्रति इस बार लोगों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है.
आचार्य गोपालचंद्र झा ने कहा कि मां भगवती की पूजा से भक्तों का कल्याण होता है उनके कष्ट दूर होते हैं उन्होंने कहा कि बहुत ही नियम पूर्वक लोगों को इस नवरात्र में व्रत रखना चाहिए. वैसे तो मां भक्तों की छोटी बड़ी गलतियों को माफ कर देती हैं.
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