टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-आज की जिंदगी में सोशल मीडिया का जाल ऐसा फैल चुका है, कि दिन हो या रात ये हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गया है. पहले फोन हमारी जिंदगी का भाग बना और इंटरनेट के आने के बाद फेसबुक, व्हाटसेप, ट्विटर, इंस्टाग्राम हमारे जिवन में घुस गया . लेकिन, सोशल मीडिया में ही ऐसे-ऐसे अफवाहबाज और बयानवीर है. जो इससे समाज में बवंडर पैदा कर देते हैं. और इसके चलते बडी घटना और वारदातें तक हो जाती है. खासकर सांप्रदायिक तनाव के वक्त सोशल मीडिया आग में घी डालने का काम करता है. जिससे कई लोग झुलस जाते हैं. झारखंड पुलिस ने ऐसे मामले पर अब सख्ती बरतेगी. अफवाह फैलाने वाले और समाज में तनाव पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी .
आपत्तिजनक पोस्ट पर 44 मामले में जांच शुरु
झारखंड पुलिस ने सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी है, 44 आपत्तिजनक पोस्ट जांच के दायरे में लिया है. इसमे सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, ट्विटर, व्हाटसेप और इंस्टाग्राम पर भ्रामक, तथ्यहीन, झूठे, आपत्तिजनक भड़काऊ मैसेज और वीडियो पोस्ट करने वाले शामिल हैं. राज्य पुलिस मुख्यालय ने इसे लेकर जांच के आदेश दिए, ये सभी आपत्तिजनक पोस्ट के 44 मामले जमशेदपुर पुलिस के पास अबतक दर्ज है. जिनपर एसएसपी किशोर कौशल के निर्देश पर जांच की जा रही है.
सांप्रदायिक पोस्ट पर नजर
पुलिस सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले और आपत्तिजनक पोस्ट पर भी पैनी नजर रखेगी. किसी भी तरह से कोई अफवाह फैलाता है. तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. व्हाटसेप में अगर किसी भी तरह की आपत्तिजनक पोस्ट सामने आता है, तो इस पर सबसे पहले ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी होगी. इसके साथ ही मैसेज भेजने वाले की भी जवाबदेही बनेगी.
महिलाओं के ऑनलाइन उत्पीड़न पर रहेगी नजर
महिलाओं के खिलाफ होने वाली ऑनलाइन हिंसा और उत्पीड़न के मामले पर भी नजर बनीं रहेगी. पुलिस ने साइबर बुलिंग के मामले को भी जांच में प्राथमिकता के तौर पर लिया है. जिसमे महिलाओं के तस्वीरों के साथ छेड़छाड़, गाली-गलौज, धमकी, ब्लैकमेलिंग , फेक प्रोफाइल बनाकर आपत्तिजनक समाग्री डालने, अश्लील मैसेज भेजने संबंधी गुनाह शामिल हैं. इन सब मामलों को पुलिस ने गंभीरता और प्राथमिकता के तौर पर लिया है. जिस पर लगातार कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस ने सोशल मीडिया में तरह-तरह की अफवाहों और आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों की जानकारी देने के लिए मोबाइल फोन नंबर भी जारी किया है. सूचना देने वालों की जानकारियां गुप्त भी रखी जाएगी. इसके साथ ही स्थानीय थाना को भी इसे लेकर सूचना दी जा सकती है. जांच के बाद अगर सूचना सही पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
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