रांची(RANCHI): झारखंड में छात्रों का आंदोलन जारी है,इस आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए झारखंड बंद की घोषणा किया था.इस बंद का रांची के शहरी इलाकों में तो मिला जुला असर देखने को मिला.लेकिन ग्रामीण इलाकों में सभी दुकानों पर ताला लटका रहा,सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा.इसके अलावा रांची के बस स्टैन्ड से लंबी दूरी की बस भी नहीं खुली.इस बंदी से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है.वहीं बंदी से झारखंड में लगभग दो सौ करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है.लगातार हो रही बंदी से व्यवसाय से जुड़े लोगों में भी ओहा पोह की स्तिथि है.
छात्र संगठन ने माना बंद हुआ सफल
इस बंदी को छात्र नेता पूरी तरह से सफल बता रहे है.छात्र नेता देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि नियोजन नीति,स्थानीय नीति और रोजगार का जबतक समाधान नहीं किया जाएगा. छात्र ऐसे ही सड़क पर आंदोलन करते हुए दिखेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में नियुक्तियों में सभी के लिए दरवाजा खोल दिया गया है.ऐसा दूसरे राज्यों में नहीं है लेकिन झारखंड सभी राज्य के लोगों का आसरा बन कर रह गया है.उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने जो वादा किया था उसे पूरा कर छात्रों की मांगों को पूरा करने का काम करें.यहां 60-40 की नीति नहीं चलने दी जाएगी.यहां की नियुक्तियों में पूरी तरह से झारखंडी लोगों को हक मिलना चाहिए.
ऐसे बंदी को रोकने के लिए सरकार को पहल की जरूरत
वहीं बंदी पर चैंबर अध्यक्ष कुमार मंत्री ने कहा कि झारखंड में लगातार विभिन्न संगठन के द्वारा बंदी का आह्वान किया जा रहा है.ऐसे में यहां व्यवसाय करने वाले लोग परेशान है.बंदी की घोषणा के साथ ही बाजार में सन्नाटा छा जा रहा. झारखंड में बंद से उद्योग और कारोबार बुरी तरह से प्रभावित है.उन्होंने कहा कि ऐसे बंदी से पूरी तरह से लोग तंग आगाए है.किसी भी छोटे मोटे मुद्दे को लेकर झारखंड को बंद करना उचित नहीं है.एक दिन की बंदी में झारखंड में 150-200 करोड़ का नुकसान होता है. जिसे भरपाई करने में कई महीने लग जाते है.राज्य को गति देने के लिए सरकार को ऐसे बंदी से बचाने के लिए ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है. जिससे लोग निर्भीक होकर अपने संस्थान को चला सके.
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