दुमका(DUMKA): पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है.पुलिस ने मुखिया सुरेश मुर्मू हत्याकांड का उद्भेदन करते हुए 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक महिला मुखिया और एक पूर्व महिला मुखिया भी शामिल है. पांचों अभियुक्तों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. समाहरणालय स्थित एसपी सभाकक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी अम्बर लकड़ा ने इसकी जानकारी दी.
क्या था हत्या का कारण
एसपी अंबर लाकड़ा ने बताया कि पिछले वर्ष हुए पंचायत चुनाव में सुरेश मुर्मू ने बढ़ैत पंचायत की पूर्व मुखिया तालोको सोरेन को पराजित कर मुखिया बने थे, जबकि तालोको सोरेन की बेटी आशा हेंब्रम गत चुनाव में हंसडीहा पंचायत से मुखिया निर्वाचित हुई. अपनी मां की चुनावी हार को हंसडीहा पंचायत की मुखिया आशा हेंब्रम भुला नहीं पाई और चुनावी रंजिश में बढ़ैत पंचायत के मुखिया सुरेश मुर्मू की हत्या करवा दी. एसपी ने बताया कि हत्या के कुछ और भी कारण बने. उन्होंने कहा कि मुखिया सुरेश मुर्मू के पैतृक गांव जालवे में गोतिया से जमीन विवाद में सुरेश मुर्मू द्वारा दूसरे पक्ष की मदद करने तथा हंसडीहा पंचायत में मुखिया आशा हेंब्रम के समर्थकों को अपनी ओर मिला लेने पर मुखिया आशा हेम्ब्रम इसे वर्चस्व की लड़ाई मान बैठी. इसके अलावा हत्या का एक कारण बना सुरेश मुर्मू का पूर्व से जाहेर थान के सौंदर्यीकरण व चारदीवारी के निर्माण कार्य का ठेकेदारी विवाद. अभी तक के पुलिसिया अनुसंधान में हत्या के इन्हीं तीन कारणों को दर्शाया गया है.
मुखिया की हत्या के लिए सुपारी किलर का लिया गया मदद
प्रेस वार्ता में एसपी अंबर लकडा ने बताया कि हंसडीहा पंचायत की मुखिया आशा हेंब्रम ने बढ़ैत पंचायत के मुखिया सुरेश मुर्मू की हत्या के लिए सुपारी किलर की सहायता ली. इसके लिए हंसडीहा चौक निवासी राहुल कुमार वर्मा व उसके सहयोगियों को ₹5 लाख में डील पक्की हुई. एडवांस के तौर पर एक लाख रुपैया भी दिया गया जो राहुल कुमार वर्मा द्वारा हथियार खरीदने व अन्य साथियों को देने में खर्च हुआ.
मेड इन यूएसए अंकित पिस्टल से दागी गई थी गोलियां
मुखिया सुरेश मुर्मू हत्याकांड में पुलिस ने संतोष प्रसाद यादव, आशा हेंब्रम, तालोको सोरेन, रोहित कुमार तथा राहुल कुमार वर्मा को गिरफ्तार कर लिया जबकि दो अभियुक्त अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है. गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से एक काला रंग का पिस्टल खाली मैगजीन के साथ जिसमें मेड इन यूएसए अंकित है. इसके अलावे हत्या में प्रयुक्त दोनों बाइक और कई मोबाइल फोन भी बरामद किए गए.
72 घंटे के अंदर एसआईटी ने किया हत्या कांड का उद्भेदन
मुखिया सुरेश मुर्मू हत्याकांड को दुमका पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया और इस कांड के उद्भेदन के लिए जरमुंडी एसडीपीओ शिवेंद्र के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया, जिसमें हंसडीहा सर्किल के इंस्पेक्टर सुशील कुमार, जरमुंडी थाना प्रभारी दयानंद साह, हंसडीहा थाना प्रभारी सुगना मुंडा, जामा थाना प्रभारी जितेंद्र साहू, रामगढ़ थाना प्रभारी अरविंद कुमार राय सहित कई पुलिसकर्मी शामिल थे. तकनीकी साक्ष्य और गुप्तचरों की मदद से 72 घंटे के भीतर हत्याकांड का उद्भेदन करते हुए साथ में से 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
पुरष्कृत होंगे एसआईटी में शामिल अधिकारी और जवान
एसपी अंबर लाकड़ा ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि एसआईटी में शामिल पुलिस पदाधिकारी एवं जवानों को पुरस्कृत किया जाएगा. उन्होंने कहा की पुरस्कार मिलने से पुलिस पदाधिकारी और जवानों का मनोबल काफी ऊंचा होता है और किसी भी कांड के उद्भेदन में सहायता मिलती है.
क्या था मामला
15 अप्रैल की शाम हंसडीहा थाना क्षेत्र के जालवे गांव के समीप बढ़ैत पंचायत के मुखिया सुरेश मुर्मू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या उस वक्त हुई जब मुखिया सुरेश मुर्मू सरैयाहाट प्रखंड कार्यालय में एक बैठक में भाग लेकर वापस अपने घर जा रहे थे. बाइक सवार अपराधियों ने उनके ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई थी. मुखिया की मौत के बाद हंसडीहा में जमकर बवाल हुआ था. रात भर भागलपुर-दुमका तथा देवघर-गोड्डा मुख्य मार्ग जाम रहा था. उस वक्त पुलिस ने लोगों को समझाया था की हत्या कांड के उद्भेदन के लिए 2 दिनों का समय दिया जाए और पुलिस ने निर्धारित समय सीमा के भीतर हत्याकांड का उद्घाटन करते हुए 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दी है.
रिपोर्ट: पंचम झा
4+