टीएनपी डेस्क(TNP DESK):दिल में कुछ करने की ललक और लगन हो तो कोई भी सुविधा आपके आड़े नहीं आती है. फिर आपकी हर मुश्किल आपकी कड़ी मेहनत के आगे झुक जाती है. और आपके रास्ते से हटकर दूर खड़ी हो जाती है.आपकी कड़ी मेहनत से आप जो भी पाना चाहो आप हासिल कर सकते हैं. फिर फर्क नहीं पड़ता है कि आप गांव के है या शहर के आप अमीर हैं कि करोड़पति. आपमें बस मेहनत करने की क्षमता होनी चाहिए. सफल होने के लिए इससे ज्यादा और कुछ भी नहीं चाहिए. इसके सहारे आप गांव से निकलकर देश ही नहीं विदेश में भी अपना परचम लहरा सकते हैं.
रोशन ने मेहनत से किया गांव और परिवार का नाम रोशन
कुछ ऐसा ही बड़ा कमाल झारखंड के एक लाल ने कर दिखाया है. जिसने एक छोटे से गांव से निकलकर एमएनसी कंपनी तक का सफर तय किया है. देश के हर युवा का सपना होता है कि वो मल्टीनेशनल कंपनी में काम करें. लेकिन सभी का सपना पूरा नहीं हो पाता है. लेकिन चतरा के छोटे से गांव अंबाटांड़ के रोशन का सपना पूरा हो गया है. अब वो एमएनसी कॉग्निटस में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करेंगे. रोशन से अपने नाम को सार्थक करते हुए अपने साथ अपने गांव का नाम रोशन कर दिया है. और अपने संघर्षों के दम पर सफलता हासिल की है.
संघर्षों के दम पर अंबाटांड़ से एमएनसी तक का सफर किया पूरा
आपको बताये कि चतरा झारखंड का छोटा सा जिला है. इसी जिले का छोटा सा गांव अंबाटांड़ है. इस गांव में महज कुछ ही परिवार रहते है. जहां कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.ये जंगल के बीचो-बीच मौजूद है. यहां प्राईमरी स्कूल 2003 में बना.जिसके पहली कक्षा के पहले छात्र रोशन ही थे.यही से इनकी संघर्षों के सफर की शुरुआत हुई.
काफी संघर्षों और अभाव में बीता बचपन
गांव में अच्छी सड़क नहीं होने की वजह से स्कूल जाने में काफी दिक्कतें आती थी.फिर हाई स्कूल गांव में नहीं होने से 5 किलोमीटर दूर पैदल घर से जाना पड़ता था.लेकिन बरसात के दिनों में सड़कों पर पानी भर जाने से कई दिनों तक स्कूल नहीं जा पाते थे. जिससे पढ़ाई में बाधा आती थी.इसी स्कूल में किसी शिक्षक ने रोशन को जवाहर नवोदय विद्यालय की जानकारी दी. जिसकी प्रवेश परीक्षा की तैयारी जोर-थोर करने पर रोशन का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय चतरा में नामांकन के लिए हो गया. रोशन को आईआईटी संस्थान में पढ़ने का मन था. लेकिन वहां इनका नामांकन नही हो पाया.
आईआईटी में जाने का सपना नहीं हुआ पूरा
रोशन का कहना है कि जेएनवी में पढ़ने के दौरान एक क्लास मेंसाइंस और मैथ में काफी अच्छा नंबर आया. जिसके बाद से उनका इंटरेंस्ट साइंस की तरफ बढ़ गया.जिसके बाद लगातार मेहनत करते रहे और जेइइ मेंस में सफल होकर बीआईटी सिंदरी में नामांकन कराया. इसके बाद इनकी भूख बढ़ती गई.ये गेट परीक्षा में पास होकर आईआईटी में जाना चाहते थे. लेकिन इनका सपना पूरा नहीं हो सका. लेकिन इन्होने ने हार नहीं माना. और सफलता के लिए आगे बढ़ते रहे.
ट्रेनिंग पीरियड् में लगभग 7 लाख का मिलेगा पैकेज
जिसके बाद स्पेन से मान्यता प्राप्त न्यूटन स्कूल से जुड़कर अपना मास्टर डिग्री पूरी की. जहां कैंपस सेलेक्शन के लिए लगातार मेहनत करते रहे.इसी बीच पढ़ाई के खर्चे के लिए टीएससी कंपनी की नौकरी को भी छोड़ दिया. जिसके बाद 4 मई को कॉग्निटस में हुए कैंपस सेलेक्शन में उनका चयन बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर हुआ है. जिसमे 6 महीने की ट्रेनिंग पीरियड् में लगभग 7 लाख का पैकेज मिलेगा. इनकी इस सफलता से परिवार क साथ पूरा गांव खुश है.
प्रियंका कुमारी
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