दुमका(DUMKA):हम भारतीयों के लिए खादी महज एक वस्त्र ही नहीं बल्कि प्रतीक है आजादी के मतवालों का. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि खादी एक वस्त्र मात्र नहीं बल्कि विचार है.1920 में महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन में खादी को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया था. गांधी जी के एक आह्वान पर हर घर से चरखा की आवाजें आने लगी. लोग विदेशी वस्त्रों का त्याग कर हस्त निर्मित खादी के कपड़े पहनने लगे. महात्मा गांधी ने भारत में ग्रामीण स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए खादी की कताई को बढ़ावा देना शुरू किया.
लंबे संघर्ष, त्याग और बलिदान के बदौलत मिली थी आजादी
लंबे संघर्ष, त्याग और बलिदान के बदौलत हमें आजादी मिली. उम्मीद जगी कि आजाद भारत मे खादी को उचित सम्मान मिलेगा. क्योंकि खादी और आजादी के बीच अन्योन्याश्रय संबंध स्थापित हो चुका था. समय के साथ खादी ने फैशन की दुनियां में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई. लेकिन खादी को लेकर गांधी जी का जो सपना था वह पूरा नहीं हो पाया.
2 करोड़ रुपए की लागत से 2022 में खादी पार्क का बनकर तैयार हुआ था
झारखंड की पूर्ववर्ती हेमंत सोरेन और रघुवर दास की सरकार ने गांधी जी के सपनों को साकार करने के लिए उपराजधानी दुमका में खादी पार्क की आधारशिला रखी. शहर के महुआडंगाल मुहल्ला में पहली बार खादी पार्क की आधारशिला तब रखी गयी जब 14 महीनों के लिए हेमंत सोरेन सीएम बने थे. लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. 2017 में झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन संजय सेठ और रघुवर सरकार की कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने फिर से इसकी आधारशिला रखी. लगभग 2 करोड़ रुपए की लागत से 2022 में खादी पार्क का बनकर तैयार हुआ. निर्माण का उद्देश्य है लोगों को स्वरोजगार से जोड़ना ताकि गांधी जी का सपना साकार हो सके. लेकिन आज तक खादी वस्त्र निर्माण के लिए प्रशिक्षण या निर्माण से संबंधित कोई काम यहां शुरू नहीं हो पाया.
करोड़ों खर्च होने के बावजूद भी लोगों को नहीं मिला लाभ
योजना थी कि खादी पार्क में लोगों को खादी के बनने वाले पोशाक की सिलाई - कढ़ाई का प्रशिक्षण देना. साथ ही यहां खादी पोशाक का निर्माण भी होता और एक खादी वस्त्रों का शोरूम भी खोलना था. कुल मिलाकर कहें तो यहां सैकड़ों लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था होनी थी. लेकिन पानी की तरह रुपया बहाने के बाबजूद इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. भवन की रखवाली के लिए सिर्फ एक गार्ड है. जो इसकी देख रेख करता है.
खादी पार्क को है उद्घाटन का इंतजार
मामले पर दुमका सांसद सुनील सोरेन ने वर्तमान राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा सवाल खड़े करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार को विकास कार्यों में कोई रुचि नहीं है. उन्होंने इसे चालू करवाने की दिशा में पहल करने का भरोशा दिया. वहीं उप विकास आयुक्त अभिजीत सिन्हा ने कहा कि हम पता करते हैं कि किस इश्यू की वजह से बंद है. यह जल्द चालू हो इसके लिए जिला प्रशासन जल्द पहल करेगी. उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार की नजरें इनायत खादी पार्क पर हो. ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ खादी की खोयी हुई गरिमा फिर से प्राप्त होने के साथ गांधी जी का सपना साकार हो सके.
रिपोर्ट: पंचम झा
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