धनबाद(DHANBAD): 120 PLUS, comfortable for us का नारा कर्नाटक में कांग्रेस के लिए पूरा हो पाता है अथवा नहीं, यह अभी तक साफ नहीं हुआ है. लेकिन इतना तो तय है कि कॉन्ग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है. लेकिन जेडीएस की सीटों की संख्या को देखते हुए कर्नाटक में "ऑपरेशन लोटस" की संभावना भी बढ़ गई है. कर्नाटक में 28 लोकसभा सीटें है. ऐसे में भाजपा भी प्रयास करेगी कि कर्नाटक में किसी न किसी प्रकार भाजपा की सरकार बन जाये. वैसे, इस संभावना से कांग्रेस वाले सचेत है. हैदराबाद में रिसोर्ट बुक कर लिया गया है और विधायकों को हवाई मार्ग से एक जगह ले जाकर इकट्ठा करने की तैयारी शुरू हो गई है. कांग्रेस के लिए कर्नाटक हमेशा से खाद पानी वाली धरती रही है. चाहे वह जमाना इंदिरा गांधी का हो या जमाना राहुल गांधी का हो. कर्नाटक से भी इंदिरा गांधी को ही ताकत मिली थी और राहुल गांधी को भी लगता है कर्नाटक से ही संजीवनी मिलेगी. कर्नाटक में ही भाषण के बाद राहुल गांधी को डिसक्वालीफाई कर दिया गया है.
कर्नाटक में भाषण से ही डिसक्वालिफाई हुए है राहुल गाँधी
ऐसा भी हो सकता है कि कर्नाटक की जनता को मलाल रहा हो. यह बात तो तय है कि सरकार चाहे जिसकी भी बने लेकिन लोगों ने कांग्रेस और भाजपा के बीच ही तय किया है कि किसे चुनना है. हालांकि जेडीएस भी 2 दर्जन से अधिक सीटों पर अभी आगे चल रही है. हो सकता है कि कर्नाटक में सरकार बनाने में जेडीएस आगे कोई बड़ी भूमिका निभाए. और ऑपरेशन लोटस के बहाने कर्नाटक में भाजपा की सरकार बन जाए, लेकिन यह सब तो अभी भविष्य की बात है. भाजपा के लिए भी कर्नाटक चुनौती का प्रश्न बना हुआ था. प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में कम्पैन किया , तो क्या कर्नाटक में मोदी मैजिक नहीं चला. यह सवाल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उठेगा ,कर्नाटक के चुनाव परिणाम का असर 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है. अभी तक कांग्रेस के पक्ष में जितने आंकड़े आये हैं ,इसे इतना तो साफ हो गया है कि जनता भ्रष्टाचार, महंगाई और झूठ का पुलिंदा चलाने वालों के खिलाफ वोट करने के मूड में थी. येदुरप्पा भाजपा में गए फिर क्या हुआ, इसकी चर्चा चल रही है. कर्नाटक का चुनाव परिणाम पूरे देश की नजर टिकी हुई है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+