चाईबासा(CHAIBASA): गिरिराज सेना के संरक्षक सह हिंदूवादी युवा नेता कमल देवगिरी की 12 नवंबर की शाम हुई हत्या के मामले में पकड़े गए आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने व हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर 3 दिसंबर से स्व. कमल देवगिरी के परिजन स्थानीय लोग आंदोलनरत है. 3 दिसंबर से लगातार अनशन जारी है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रही. बुधवार को अनशन का 40वां दिन पूरा हो गया. बुधवार को अनशन में कमल देवगिरी के बड़े भाई उमा शंकर गिरी, फूलन देव गिरी, बहन पूजा गिरी, बहन गुड्डू गिरी व महेश कुमार अनशन में बैठे.
इस मौके पर सर के कमल देवगिरी के बड़े भाई उमाशंकर गिरी ने कहा कि पुलिस प्रशासन की ओर से हमें बेवजह परेशान करने का काम किया जा रहा है. दिवंगत कमल देवगिरी के जो समर्थक है उन पर बेवजह तरह-तरह के आरोप लगाकर गिरफ्तार किया जा रहा है. ताकि लोग डर जाए और आंदोलन का साथ ना दे. उन्होंने कहा कि मेरे भाई की हत्या हुई है, इसलिए हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. हमारे सब्र का बांध टूटने पर पुलिस प्रशासन इसकी जिम्मेदार होगी. चाईबासा में हम शांतिपूर्ण तरीके से भाई को न्याय दिलाने के लिए बैठे थे, लेकिन सदर थाना प्रभारी निरंजन तिवारी ने जान बूझकर माहौल बिगाड़ा. उल्टे हम पर मामला दर्ज कर दिया गया, जबकि सदर थाना प्रभारी पर हमारे द्वारा मामला दर्ज कराने जाने जाने के बावजूद भी मामला दर्ज नहीं किया गया. इससे साफ पता चलता है कि पुलिस प्रशासन हमें न्याय नहीं दिलाना चाहती है. डीसी व एसपी ने हमें आश्वासन दिया था कि 2 जनवरी तक नार्को टेस्ट की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी, लेकिन इतने दिन बीतने के बावजूद भी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं है. अगर पुलिस प्रशासन हमें न्याय नहीं देना चाहती है तो यह भी सीधे तरीके से हमें बता दे, हम अलग तरीके से न्याय लेंगे. इस मौके पर स्थानीय लोग मौजूद थे.
रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा
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