बुधवार को अपनी लय में दिखी झरिया ,उत्साहित थे लोग ,जानिए आयोजन क्या था


धनबाद(DHANBAD) सचमुच झरिया तो झरिया है. झरिया को नष्ट करने की जितनी भी कोशिश हो रही है, उससे इतर झरिया लोगों को अपना महत्व बताने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है. दुर्गा पूजा हो, दिवाली हो या और कोई आयोजन. झरिया इसमें आगे- आगे रहती है. जमींदारी उन्मूलन के पहले से झरिया की अलग पहचान थी. देश की सबसे बड़ी अनाज मंडी थी. आज भी झरिया के नीचे विश्व का सबसे उत्तम क्वालिटी का कोकिंग कोल है. जिसे निकालने के लिए धनबाद से लेकर दिल्ली तक प्रयास चल रहे हैं, लेकिन झरिया की हस्ती ऐसी है कि वह मिटती नहीं है.
झरिया शहर के आसपास का इलाका अग्नि प्रभावित जरूर हो गया है फिर भी लोग झरिया छोड़कर जाना नहीं चाहते. बुधवार को भी झरिया पूरी तरह से अपनी रंग में दिखी. झरिया मारवाड़ी सम्मेलन ट्रस्ट की ओर से बुधवार को श्री श्री अग्रसेन जी महाराज की जयंती पखवारा के समापन के मौके पर आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई. गाजे -बाजे के साथ निकली शोभायात्रा देखते बन रही थी. शोभायात्रा में मारवाड़ी सम्मेलन संचालित सभी स्कूल -कॉलेज के विद्यार्थी ,महिला, पुरुष, बच्चे, युवा, बुजुर्ग सब उन्हें उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे थे. शोभायात्रा में सज धज कर एक वाहन चल रहा था, जिस पर श्री अग्रसेन जी महाराज का सुसज्जित दरबार सजाया गया था. घोड़े पर सवार झांकियां भी साथ साथ चल रही थी. झांकियां एक दो नहीं बल्कि कई थी. इस दौरान जयकारे से पूरा इलाका गुज रहा था.
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