जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : झारखंड ही सिर्फ एक ऐसा राज्य है जिसमें मंडी टैक्स कानून लगाया गया है. इस टैक्स के नियम अंतर्गत सब्जी विक्रेता, राशन दुकान, फल आलू, प्याज विक्रेता वाले व्यापारी आते हैं. बता दें कि झारखंड सरकार ने मंडी टैक्स में 2% की वृद्धि की है. इसको लेकर राज्य भर के साथ-साथ जमशेदपुर में भी विरोध देखा गया. इसी कड़ी में सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को एक बैठक कर मामले की गंभीरता पर चर्चा की. इसके साथ मंत्री बन्ना गुप्ता से मुलाकात कर अपने मांगों को रखा.
व्यवसायिक संगठनों के आह्वान पर बंदी
बता दें कि पूर्व में खाद्य सामानों की खरीदारी पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जाता था. केवल जीएसटी ली जाती थी. व्यापारियों की माने तो ये टैक्स कानून व्यापारी और किसान के लिए जनविरोधी है. इसको लेकर शहर में बुधवार को बंदी की गई. इसके विरोध के अंदर व्यवसायिक संगठनों के आह्वान पर शहर के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद किए गया. इतना ही नहीं व्यापारी वर्ग सड़कों पर निकल कर सभी मंडियों को पूरी तरह से एक दिन का बंद करवाया गया. जिससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कई व्यवसाइयों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद रख बंदी का समर्थन किया. इतना ही नहीं, इस बंदी को दिहाड़ी दुकानदारों ठेले और रेहड़ी वालों का भी समर्थन मिला.
सरकार को निर्णय वापस लेने का ल्टीमेटम
बंद समर्थकों ने साफ तौर पर सरकार से फरमान वापस लेने तक विरोध जारी रखने की बात कही है. उनका ऐसा कहना है कि सरकार जब तक इस कानून को वापस नहीं लेते वो ऐसे ही इसका विरोध करते रहेंगे. ऐसा करने से महंगाई बढ़ेगी और छोटे व्यापारियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा. व्यवसायियों ने सरकार से जल्द से जल्द इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है .
मंत्री बन्ना गुप्ता को सौंपा मांग पत्र
सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा. साथ ही उनसे राज्य सरकार को मामले में उचित कार्रवाई करने की मांग की.
रिपोर्ट : पूर्णिमा पांडे, रांची
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