रांची(RANCHI): झारखंड में खतियान और स्थानीय नीति के आंदोलन से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले जयराम महतो अब झारखंड विधानसभा में किंग मेकर कि भूमिका में दिख सकते है.JBKSS अपनी ताकत का परिचय लोकसभा चुनाव में ही दिखा चुकी है अब विधानसभा चुनाव को लेकर भी रणनीति लगभग तय हो चुकी है.चुनाव लड़ने कि घोषणा के पहले जयराम महतो ने कई जगहों पर कार्यक्रम कर लोगों के मिजाज को परखा उसके बाद अब बड़ा एलान कर दिया है. खुद जयराम महतो कहाँ से चुनावी मैदान में कूदेंगे यह भी साफ हो गया है.
अगर देखे तो जयराम महतो का क्रेज पूरे झारखंड में बढ़ता जा रहा है.खास कर युवाओं में जयराम महतो को लेकर एक अलग भावना है. युवाओं का मानना है कि कोई तो माटी का बेटा है जो खुल कर हर मुद्दे पर बात करता है. अब सदन भेज कर अपने मुद्दों को हल कराने का काम करेंगे.खास कर झारखंड की भावना से जुड़ा मुद्दा 1932 और स्थानीय नीति पर जयराम के साथ हर उम्र और तबके के लोग खड़े है.इसी को जयराम भ अपनी ताकत मानते है हर सभा और कार्यक्रम में झारखंड में स्थानीय नीति और 1932 पर सवाल पूछते है.
अब जयराम महतो को जब सभी जगह से समर्थन मिल रहा है तो उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी भी बनाई और लोकसभा चुनाव में ताकत दिखा दिया. लेकिन अब विधानसभा चुनाव नजदीक है और जयराम महतो कि पार्टी कई सीट पर चुनाव लड़ने कि तैयारी में है. अब कई लोगों के मन में सवाल है कि जयराम महतो कहाँ से चुनाव लड़ेंगे. तो यह बात भी जयराम महतो ने साफ कर दिया है. आखिर किस सीट पर अपनी किस्मत अजमाएंगे. इसमें कई सीट पर चर्चा जारी है. लेकिन जयराम महतो ने कहा कि एक जंगल और दूसरा कोलियरी से चुनावी मैदान में उतरेंगे.
इससे साफ है कि जयराम महतो खुद के लिए सबसे सेफ सीट को खोजने में कामयाब हो गए है. जहां से अपनी पहली सीढ़ी पर चढ़ने की तैयारी कर रहे है.अब बताते है कि वह जंगल कौन से विधानसभा का है इसमें टुंडी गोमिया और डुमरी शामिल है वहीं कोलियरी बेरमों बाघमारा मांडू और रामगढ़ है. इन इलाकों में जयराम महतो कि पकड़ मजबूत है. हर स्थानीय मुद्दे पर जयराम खड़े दिखते है चाहे कोलियरी इलाके में मजदूर की समस्या हो या जंगली इलाकों में किसी आदिवासी मूलवासी को दिक्कत हर जगह जयराम दिखते है.
लोकसभा का चुनाव में गिरीडीह से पहली बार चुनावी मैदान उतर कर 347322 वोट अपने नाम कर लिया. यह आकडा कई राजनीतिक दल के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. साफ है कि जब लोकसभा में इतना बेहतर वह भी पहली बार में तो विधानसभा चुनाव में माहौल बिगड़ने वाला है. अब इसी लोकसभा के अंतर्गत आने वाले विधानसभा से जयराम चुनावी अखाड़े में जाने कि तैयारी में है तो परिणाम अन्य दलों के लिए बदल सकते है. पहली बार कोई विधानसभा पहुंचने के काफी करीब है.क्योंकि लोकसभा चुनाव में महज एक लाख वोट से जयराम पीछे रह गए थे. जबकि सामने कई jmm और aajsu के दिग्गज खड़े थे बावजूद इसके जयराम ने सभी के पसीने छुड़ा दिया है.
अब देखे तो जयराम महतो संभवत डुमरी से चुनाव लड़ सकते है. अंदर खाने बात उठ रही है कि टाइगर जयराम महतो कि जरूरत इस विधानसभा क्षेत्र में है. इस इलाके में लंबे समय से दिवगत जगरनाथ महतो चुनाव जीतते रहे थे लेकिन उनके जाने के बाद उपचुनाव में उनकी पत्नी बेबी देवी चुनाव मैदान में उतरी और जीत का परचम लहराया है. अब अगर जयराम महतो यहाँ से चुनाव लड़ते है तो परिणाम बदला बदला दिख सकता है
वहीं दूसरी सीट कि बात करें तो बाघमारा या मांडू से भी जयराम पर्चा दाखिल कर सकते है. इन इलाकों में जयराम का अलग ही क्रेज है. खतियान आंदोलन हो या कुछ और सभी में इनके साथ हजारों लोग खड़े दिखते है. हलाकी यह भीड़ अब जयराम को क्या लोकसभा जैसा माहौल बना कर देगी और विधानसभा भेजने कि तैयारी कर रही है या फिर इसके मन में कुछ और है यह दो आने वाले महीनों में साफ हो जाएगा
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