टीएनपी डेस्क(TNP DESK):-डुमरी के रण में आखिरकार बेबी देवी की जीत ने बता दिया कि सिंकदर कौन है. इस हाईप्रोफाइल उपचुनाव में सभी की सांसे अटकी हुई थी कि आखिर विजेता कौन होगा और दिवंगत जगरनाथ महतो की जगह कौन लेगा. सारे कयास, आंकड़े और भविष्यवाणियों का जवाब 8 सितंबर को मिल गया. जिसमे ये बिल्कुल साफ हो गया और ये बता गया कि टाइगर का मुकबला कोई नहीं कर सकता . जी हां टाइगर लोग प्यार से स्वर्गीय जगरनाथ महतो को बुलाया करते थे. उनकी ही वाइफ बेबी देवी जेएमएम की तरफ से डुमरी की जंग में कूदी हुई थी. अपने पति की विरासत और उनके संघर्ष का फायदा बेबी देवी को मिला . 17 हजार के ज्यादा मतों से मिली यह जीत बताती है कि डुमरी की जनता टाइगर को कितनी चाहती थी. साहनूभूति की लहर तो थी ही, इसके साथ ही जगरनाथ द का डुमरी की मिट्टी से लगाव, त्याग और बेपनाह प्यार भी था, जिसकी बदौलत बेबी देवी ने डुमरी के रण को जीत लिया.
यशोदा देवी को जगरनाथ महतो के बाद बेबी देवी ने भी हराया
आजसू की प्रत्याशी यशोदा देवी सियासत का पाठ औऱ तजुर्बा तो 2019 के चुनाव में ही हासिल कर लिया था. उस चुवनाव में वो टाइगर जगरनाथ महतो से हार गयी थी. हालांकि, उस दौरान त्रिकोणिय संघर्ष हुआ था. भाजपा औऱ आजसू ने अलग-अळग चुनाव लड़ा था. जिसके चलते जगरनाथ महतो बड़े अंतर से चुनाव जीत गये थे. इस बार बीजेपी औऱ आजसू ने मिलकर चुनाव लड़ा. इसके बावजूद भी यशोदा देवी बाजी नहीं मार सकी स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी से 17156 से डुमरी की इस जंग को आसानी से जीत लिया. हालांकि, शुरुआत में तो यशोदा देवी आगे चल रही थी. लेकिन, बाद में बेबी देवी ने पछाड़ दिया . राज्य के इस छठे उपचुनाव में देखने वाली बात ये रही की जेएमएम का पलड़ा शुरुआत से ही भारी दिख रहा था.
टाइगर के गढ़ में N.D.A फेल
यह चुनाव झारखंड में पहली बार I.N.D.I.A और N.D.A का पहला मुकाबला भी था. लेकिन, इस पहले चुनावी रण में N.D.A टाइगर के गढ़ में जीत का झंडा नहीं फहरा सकी. न ही जेएमएम के वर्चस्व और वजूद को चुनौती दे सकी. यह सच है कि चुनाव से पहले ही ये बोला जा रहा था कि टाइगर फेक्टर इस चुनाव में काम करेगा. आखिरकार वह सच साबित हुआ. भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रघुवार दास समेत तमाम दिग्गज और बड़े-बड़े नेता डुमरी की रण को जीतने की लिए ताकत झोंक दी . लेकिन, टाइगर जगरनाथ महतो के किले को फतह नहीं कर सके. 6 अप्रैल को जगरनाथ द के निधन के बाद डुमरी में 5 सितंबर को उपचुनाव हुआ. जेएमएम ने उनकी पत्नी बेबी देवी को पहले ही मंत्री बनाकर डुमरी का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. बेबी देवी ने भी अपनी जीत को पति जगरनाथ महतो को समर्पित किया और उनके अधूरे कामों को पूरा करने का वादा किया है. आपको बता दे डुमरी से ही राजनीति में कदम रखने वाले जगरनाथ महतो ने 2005, 2009, 2014 और 2019 में लगातार चार बार झारखंड मुक्ति मोर्च से चुनाव जीतकर अपनी बादशहत को आखिरी दम तक बरकरार रखी. उनके जीते जी कोई भी विरोधी उन्हें चुनौती नहीं दे सका, वे जिंदगी के आखिरी सांस तक तक विधायक औऱ डुमरी के नेता बनें रहें. इधर, उनके जाने के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी की जीत ने भी साफ कर दिया कि टाइगर आज भी जिंदा है, लोगों के दिल,दिमाग और मन में.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह
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