साहेबगंज :- संथाल इलाके में पिछले कुछ सालों से बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा सड़क से लेकर सदन तक गर्म रहा . कोर्ट से लेकर खुफिया विभाग और प्रशासनिक महकमे ने भी सवाल उठाये. लेकिन, समय के साथ बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा खत्म नही हुआ. बल्कि अभी भी कही न कही चोरी छुपे इन्हें पनाह दी जा रही है . कई मददगार गद्दारी करके इन्हें मदद कर रहे है. इन्हें पनाह और आशियाना दिया जा रहा है. इसके चलते संथाल की डैमोग्राफी में हाल के दिनों में बदलाव आया है. आबादी वक्त के साथ तेजी से बढ़ गयी. लेकिन, अंकुश नहीं लगा, बल्कि साहिबगंज, पाकुड़ , गोड्डा, जामताड़ा , दुमका में बांग्लादेशी घुसपैठियों तरकीब लगाकर अपना ठिकाने बना ही रहें हैं. इन पर लगाम लगाना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है.
लोकसभा चुनाव में छाएगा घुसपैठ का मुद्दा
अभी चुनावी वर्ष है, जो बांग्लादेशी घुसपैठी यहां के नागरिक बन गये हैं, वह चुनाव में वोट भी करेंगे. इसके चलते भी राजनीतिक आबोहवा बदली हुई है. भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा इसका मुखर विरोध किया है और विपक्ष की तुष्टीकरण की राजनीति मानती है. सबसे चौकाने वाली बात तो ये है कि प्रशासन का डर इनमे नहीं रह गया, बल्कि चोरी -छिपे साहिबगंज और पाकुड़ जिले में बांग्लादेशी घुसपैठियों का फर्जी आधारकार्ड , वोटरकार्ड के साथ जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र बनाया जा रहा है.
फर्जी प्रामाण पत्र बनाने के धंधे का भांडाफोड़
एक ऐसा ही मामला बोरियो थाना क्षेत्र में सामने आया. जहां बोरियो अंचल कार्यालय पर स्थित बीआरसी भवन में शनिवार की देर शाम पदाधिकारियों ने संयुक्त रुप से छापा मारा . जानकारी के मुताबिक एजेंटों के द्वारा फर्जी तरीके से और धड़ल्ले से मृत्यु प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र बनाने का काम किया जा रहा है. प्रखंड विकास पदाधिकारी नागेश्वर साव, अंचलाधिकारी विजय हेमराज खालको और प्रशिक्षु डीएसपी रुपक कुमार सिंह ने छापेमारी कर दो लोगों से पूछताछ की और छानबीन के बाद तीन लोगों को थाने ले जाया गया. जांच के जरिए इसकी कड़ी दर कड़ी जोड़ी जा रही है कि आखिर कितने दिनों से फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का काम चल रहा है. प्रशासन इस बात की भी तफ्तीश में जुटा है कि आखिर कितने लोगों के जाली आधार,वोटर और जन्म मृत्यु सर्टिफिकेट बनाए गये और जो सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहें हैं. इस मामले पर प्रखंड विकास पदाधिकारी नागेश्वर साव ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र बनाने की सूचना थी, इसके बाद ही रेड डाला गया और आगे की जांच की जा रही है.
जनसंख्या असंतुलन का खतरा
दूसरी तरफ अगर नजर डोलाये तो बांग्लादेशी घुसपैठ के चलते यहां जनसंख्या असंतुलन के हालात पैदा हो गये हैं. इसके चलते भी एक चिंता उभर रही है. सरकारी आकंड़े पर गौर फरमाए तो साहेबगंज के राजमहल क्षेत्र में 2001 की जनगणना में 2011 की जनगणना के मुकाबले हिन्दुओं की जनसंख्या अधिक हुआ करती थी और मुस्लिमों की आबादी कम थी. लेकिन, 2011 की जनगणना में अचानक मुस्लिमों की जनसंख्या में इजाफा देखने को मिला.
साल 2001 की जनगणना में साहेबगंज की कुल आबादी 9 लाख 27 हजार थी. इसमें मुसलमानों की आबादी 2 लाख 70 हजार थी. लेकिन, यही जब दस साल के बाद 2011 की जनगणना की गई तो साहेबगंज की कुल आबादी 11 लाख 50 हजार हुई. इसमें मुस्लिम आबादी 3 लाख 8 हजार हो गई, जो तिहाई से मामूली कम है, परन्तु गैर आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक 2021 में 4 लाख 84 हजार हो गई है. साहेबगंज में वर्तमान में मुस्लिम समुदाय की आबादी 34.61% हो चुकी है. वहीं, दूसरी ओर हिंदू समुदाय की 2023 में अनुमानित संख्या 7 लाख 63 हजार है, यानी कुल आबादी का 54.59% है.
संताल में कहां-कहां हो रही घुसपैठ
संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या तो बड़ी, जिसमे पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, राजमहल, गोड्डा और दुमका में अवैध तरीके से घुस रहें हैं. जो बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद सहित अन्य जिलों से आते हैं. बताया जाता है कि इन्हें अवैध रूप से संचालित मदरसों में ठहराया जाता है. इसके बाद एक गिरोह इनके लिए काम करता है, जो आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड तक बनाता है.
आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा गरमायेगा . इससे इंकार नहीं किया जा सकता . सवाल यही है कि आखिर जब घुसपैठ हो रहें है. तो फिर प्रशासनिक अमला कहां चुक कर जा रहा है और सवाल ये भी है कि आखिर घुसपैठ रोकने का मुकम्मल उपाय क्या है.
रिपोर्ट- गोविंद ठाकुर
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