रांची(RANCHI): राजभवन के समक्ष पोषण सखियों का धरना प्रदर्शन 2 नवम्बर से अनिश्चितकालीन के लिए दिया जा रहा है. पोषण सखी अपनी मांगों को लेकर सभी छह जिलों से एकजुट होकर नौकरी की समायोजन की मांग को रखने के लिए करीब 10 हजार 388 महिलायें धरना प्रदर्शन के लिए एकजुट हुई हैं. पोषण सखियाँ अप्रैल महीने से ही बेरोजगार हो गई हैं और रोजगार की मांग के लिए पुलिस की लठियाँ भी खा रहीं हैं. राज्य के सभी नेता मंत्री और विधायकों से अपनी बात को रखा पर किसी ने इन पोषण सखियों की समस्या नहीं सुनी. पोषण सखियां कई बार विधानसभा का भी घेराव करने पहुंची पर हर बार नेताओं के झूठे आश्वासन और धरना तोड़वाने के लिए कोई न कोई भरोसा दिलाया पर वादे नहीं पूरे हुए. सदन के अंदर भी कई विधायकों ने इनकी मांगों को रखा.
केन्द्रीय मंत्री ने दिलाई थी भरोसा
राज्य की महिला समाज कल्याण मंत्री जोबा मांझी भी इन्हें आश्वासन दिया. केन्द्रीय राज्य मंत्री भी झारखंड दौरे पर आए थे तो भरोसा दिलाया था कि इनकी मांगें पूरी की जाएगी. पोषण सखियाँ हर दफ्तर कार्यालय मंत्री और विधायक के आवास का चक्कर काट कर थक हार कर फिर से स्वाभिमान की लड़ाई को लड़ने के लिए धरने पर बैठ गई.
"THE NEWS POST"से बातचीत के दौरान भावुक होते हुए कहा कि घर वाले धरना पर बैठने से मना करते हैं. महिलायें घर की शोभा होती है रोड की नहीं" कइयों का कहना था कि पढ़ लिखकर दूसरे से पैसे मांगना स्वाभिमान से समझौता करना लगता है. पोषण सखियां अपने नौकरी को बहुत मिस करती हैं. पोषण सखियों को सीएम से उम्मीद है कि जैसे सबकी मांगों को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं वैसे ही इनके बारे में एक बार जरूर सोचें. सर्दी गर्मी बारिश की परवाह नहीं करते हुए पोषण सखियाँ अनिश्चितकालीन धरणे पर बैठ गई है. कई बार सभी जिलों से आई हुई पोषण सखियां एक दिवसीय धरना पर बैठती थी. पर अब थक हारकर मजबूरन उन्हें घर वाले की बात को टालकर धरना पर बैठने को मजबूर हुई हैं. राजभवन के समक्ष छोटे छोटे बच्चे को लेकर धरना देने बैठी हैं.
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