बिहार में बालू फांक बन गए "माफिया" तो झारखंड में बन गए "धनपशु", बिहार में नया ऐलान-सूचना दीजिये ,दस हज़ार पाइये !!


धनबाद (DHANBAD) : बिहार के दबंग बालू कारोबारी माफिया बन गए हैं, तो झारखंड के माफिया और बाहुबली कोयला से जुड़कर "धनपशु" बन गए है. बिहार का बालू "पीला सोना" हो गया है, तो झारखंड का कोयला "काला हीरा" के नाम से चर्चित हो गया है. बिहार से अलग होकर जब झारखंड बन रहा था, तो सवाल किये जा रहे थे कि सारे खनिज संपदा झारखंड में चले जाएंगे, तो बिहार के लोग क्या बालू फांक कर जिएंगे. लेकिन देखिए ऐसा हुआ कि बिहार में बालू "पीला सोना" बन गया और इसके पोषक लोग माफिया बन गए.
बिहार के बालू माफिया पर तो कई भोजपुरी गाने रिलीज हुए
बिहार के बालू माफिया पर तो कई भोजपुरी गाने रिलीज हुए. उन गानों में व्यवस्था पर भी चोट की गई, तो इधर झारखंड के कोयले -बालू की चर्चा भी वैसे तो हमेशा होती रहती है. लेकिन प्रवर्तन निदेशालय की रेड के बाद चर्चा तेज हो गई है और इसमें शामिल माफिया के खिलाफ जांच चल रही है. इस बीच बिहार सरकार ने अवैध बालू खनन और उससे जुड़े भ्रष्टाचार को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है. डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि अवैध खनन में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा.
अवैध खनन की सूचना देने पर दस हज़ार मिलेंगे इनाम
उन्होंने घोषणा कर दी कि अवैध खनन की सूचना देने वाले को ₹10,000 इनाम दिए जाएंगे. उन्होंने थानेदारों की भी जवाबदेही तय कर दी. उन्होंने कहा कि दीघा और पाटलिपुत्र रेल परिसर के पास बालू की अवैध बिक्री हो रही थी. 28 ट्रैक्टर जब्त कर एफआईआर की गई है. 32 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. जिस थाना क्षेत्र में अवैध बालू बेची जा रही थी, वहां के अधिकारी और पुलिस पर भी कार्रवाई होगी. बता दे कि बिहार में अवैध बालू खनन मुख्य रूप से रात के समय, बिना परमिट के नदियों से मशीनरी (जैसे जेसीबी, पोकलेन) और नावों का उपयोग करके किया जाता है. जिसमें स्थानीय माफिया और कभी-कभी प्रशासनिक मिलीभगत भी शामिल होती है. जिससे नदी तल का कटाव, पर्यावरण को नुकसान और जल स्तर में कमी आती है, और यह देश की सबसे बड़ी संगठित आपराधिक गतिविधियों में से एक है.
इसके पीछे बड़े-बड़े सिंडिकेट और माफिया गिरोह काम करते है
इसके पीछे बड़े-बड़े सिंडिकेट और माफिया गिरोह होते हैं, जो स्थानीय स्तर पर लोगों को मिलाकर काम करते हैं. पुलों और तटबंधों को खतरा होता है.झारखंड में भी अवैध बालू खनन होता है. यहां भी बालू माफिया हैं, बालू माफिया की ताकत इतनी अधिक है कि अधिकारियों तक पर हमला कर चुके है. इधर कोयल की अवैध खनन का असर की वजह से भू-धंसान की घटनाएं लगातार हो रही है. लोगों की जान जा रही है . पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. जिस तरह झारखंड में कोयला और बालू का अवैध खनन होता है, इसी तरह बिहार में भी बालू का अवैध खनन बेधड़क होने की शिकायतें लगातार मिलती रहती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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