दुमका(DUMKA):दुमका में खनिज संपदा के अवैध खनन और परिवहन पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है. इसके बाबजूद इस पर लगाम नहीं लग पा रहा है. दुमका जिला की सीमा बिहार और पश्चिम बंगाल से लगती है. प्रसासनिक स्तर से दुमका से अन्य राज्य जाने वाली तमाम रास्तों पर चेक पोस्ट बनाया गया है. सुरक्षाकर्मियों के साथ चेक पोस्ट पर दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है.
लगातार हो रही है खनिज संपदा की लूट
जिसका काम खनिज संपदा लेकर जा रहे वाहनों की जांच करना है. शायद चेकपोस्ट पर तैनात अधिकारी और कर्मी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी पूर्वक नहीं कर रहे हैं, तभी तो जिले के उपयुक्त को खुद कमान संभालना पड़ रहा है. बुधवार की रात डीसी रविशंकर शुक्ला, डीटीओ पी बरला और एसएसबी के अधिकारी आज जवान को साथ लेकर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गुहियाजोरी चेक पोस्ट पहुंच गए. रात 11 बजे से डीसी के नेतृत्व में खनिज संपदा लेकर गुजरने वाली वाहनों की जांच शुरू हुई. रात डेढ़ बजे तक लगभग 54 वाहनों की जांच की गई. जिसमें से 5 वाहनों को जब्त कर लिया गया.
डीसी और डीटीओ ने जब्त किया 4 पर ओवरलोड गिट्टी लदा वाहन
जिसमें 4 पर ओवरलोड गिट्टी लदा था. पांचवे ट्रक के चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. डीसी ने अवैध रूप से खनिजों के परिवहन को रोकने और ठोस कार्रवाई के लिए डीटीओ और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया. जिन वाहनों को जप्त किया गया उसका नम्बर है..(1)JH10AF1119,(2) BR52G1550, (3) RJ14N4846 (4) CG15DG9790. इधर एक वाहन (BR09GC7779) के चालक को बिना ड्राइविंग लाइसेंस का वाहन चलाते पकड़ा गया.
आधी रात जांच करने निकले डीसी
प्रशासनिक स्तर से जब्त सभी 5 वाहनों के ड्राइवर और मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. साथ हीजिस क्रशर प्लांट से क्षमता से अधिक वजन में गिट्टी लोड किया गया था. उसकी भी पहचान की जा रही है ताकि वैसे क्रशर संचालकों के विरुद्ध भी जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जा सके. सवाल उठता है कि जिले में एक डीसी होते हैं. अवैध कार्यों को रोकने के लिए इनकी ओर से निर्देश जारी किया जाता है.
धड़ल्ले से हो रहा है जिला में अवैध कार्य
निर्देशों को अमली जामा पहनाने के लिए अधिकारियों और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जाती है. इसके बाबजूद अगर अवैध कार्य नहीं रुक रहा है, तो सवाल उठना लाजमी है. रात में डीसी को सड़कों पर उतर कर वाहन जांच करनी पड़े और जांच के दौरान वाहनों को जप्त करना पड़े तो यही कहा जा सकता है कि जिनको अवैध कार्य पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी दी गयी. शायद वो अपना काम ईमानदारी पूर्वक नहीं कर पा रहे है.
रिपोर्ट-पंचम झा
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