गढ़वा(GADHWA):इन दिनों गढ़वा जिले में अवैध केंदू पत्ता का कारोबार खूब फल फूल रहा है.जहां रंका पूर्वी वन क्षेत्र के अधीन रमकंडा प्रखंड के बलिगढ़ और गोबरदाहा में अवैध केंदू पत्ते की धड़ल्ले से खरीदारी हो रही है. वहीं खरीदने के बाद इस अवैध केंदू पत्ता को ट्रैक्टर में लाद कर भंडरिया वन क्षेत्र के अधीन तेतरडीह के वैध खलिहान में रोज रात को पहुंचाया जाता है. इस तरह बलिगढ़ के जंगलों से तोड़े जा रहे अवैध केंदू के इस कारोबार से वन विभाग को करोड़ो रूपये का राजस्व नुकसान हो रहा है. देर रात भी बलिगढ़ और गोबरदाहा में खरीदे गये अवैध केंदू पत्ता की ढुलाई हुई.
केंदू पत्ता के अवैध कारोबार पर विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं
जानकारी के अनुसार रंका पूर्वी वन क्षेत्र के अधीन रमकंडा प्रखंड के अंतर्गत आने वाले बलिगढ़ के जंगलों का इस बार टेंडर नही हुआ है. वहीं भंडरिया डी वन क्षेत्र के अधीन बलिगढ़ के बगल के गांव तेतरडीह में बनाये गए वैध खलिहान में टेंडर नहीं होनेवाले बलिगढ़ के जंगलों से तोड़े जा रहे केंदू पत्ता को यहां पहुंचाया जा रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस और चुप्पी साधे हुए हैं. इस तरह बेख़ौफ रूप से हो रहे अवैध केंदू पत्ता की ढुलाई होने से वन विभाग को करोड़ो रूपये राजस्व का नुकसान का अनुमान है.
रोजाना माफिया और संवेदकों को करोड़ों का लाभ हो रहा है
इस तरह अवैध कारोबार से रोजाना माफिया और संवेदकों को करोड़ों रुपये का लाभ हो रहा है. केंदूपत्ता का यह अवैध धंधा इस क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष होता है. वहीं इस खेल में स्थानीय से लेकर वन विभाग के अधिकारियों और संवेदक के बीच मिलीभगत की बात कही जा रही है. वंही इस संबंध मे झारखण्ड वन विकास निगम के डीएफओ से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए आने से मना कर दिया लेकिन उन्होंने चोरी की बात स्वीकार की.
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