अगर मार्च तक झारखंड में निकाय चुनाव नहीं हुए तो सरकार को क्यों हो सकता है 2000 करोड़ से अधिक का नुकसान,पढ़िए!


धनबाद: झारखंड में कुल 48 नगर निकाय हैं. जिनमे नगर निगम, नगर पंचायत और नगर परिषद शामिल हैं. इनमें से 12 निकायों का कार्यकाल 2020 में ही समाप्त हो गया था. जबकि बचे का 27 अप्रैल 2023 को खत्म हो गया.
उसके बाद मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षदों को पद मुक्त कर दिया गया. निकायों में विकास कार्य प्रशासकों के जरिए संचालित किए जा रहे हैं. इधर सोमवार को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि नगर निकाय चुनाव मार्च 2026 तक करा लिए जाएंगे. यह भी बताया गया कि 8 सप्ताह में चुनाव की तैयारी पूरी कर ली जाएगी और उसके बाद 45 दिनों के अंदर पूरी चुनावी प्रक्रिया संपन्न करा ली जाएगी.
इस मामले में अगली सुनवाई 30 मार्च को निर्धारित की गई है. इस बीच जानकार बताते हैं कि राज्य सरकार अगर मार्च 26 तक निकाय चुनाव नहीं कराती है, तो 15 वे वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर झारखंड को केंद्र सरकार से तीन वित्तीय वर्षों की राशि नहीं मिलेगी. चुनाव कराने पर ही केंद्र से रोकी गई अनुदान राशि विमुक्त की जाएगी.
अनुदान राशि तीन वित्तीय वर्ष 2023 =2024, 2024 =2025 और 2025= 2026 के लिए होगी. दो वित्तीय वर्षों की राशि चुनाव नहीं होने की वजह से विमुक्त नहीं की गई है. एक अनुमान के अनुसार पिछले तीन वित्तीय वर्षों के लिए राशि लगभग 2000 करोड़ से अधिक हो सकती है. अगर मार्च 2026 तक राज्य सरकार चुनाव नहीं कराती है, तो सरकार को नुकसान हो सकता है.
रिपोर्ट धनबाद ब्यूरो
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