नवरात्र 26 सितंबर से - धनबाद में आकार लेने लगीं प्रतिमाएं, अभी से मिलने लगे हैं आर्डर


धनबाद (DHANBAD): नवरात्र इस वर्ष 26 सितंबर से शुरू हो रहा है. बंगाल से सटे इलाका होने के कारण धनबाद में नवरात्र का महत्व कुछ अधिक ही होता है. पूजा यहां धूमधाम से मनाई जाती है. चाहे पंडाल बनाने वाले हों अथवा लाइटनिंग करने वाले ,कहीं-कहीं तो पुजारी भी बंगाल से बुलाए जाते हैं और धूम-धड़ाके के साथ माता का आह्वान किया जाता है. धनबाद कोयलांचल में पूजा की तैयारी लगभग शुरू हो गई हैं. बाजार की बात तो हम बाद में करेंगे, पहले हम बात करते हैं धनबाद के एक ऐसे मूर्तिकार की, जिनकी कई पीढ़ियां इसी पेशे से जुड़ी हुई हैं. और धनबाद में बनी मूर्तियां आसनसोल, बिहार और झारखंड के दूसरे जिलों में भी जाती है. बनाने वाले का नाम है दुलाल पाल.
धनबाद के लुबी सर्कुलर रोड के बगल में इनका ठिकाना है. जहां हजारों की संख्या में इस वर्ष मूर्तियां बनाई जा रही हैं. दुलाल पाल के बेटे अभिजीत पाल से आज The Newspost की टीम की मुलाकात हो गईं. उन्होंने बताया कि यह काम बहुत रिस्की भी है और चुनौतीपूर्ण भी. नाखून से लेकर आंख तक बनाने में अगर थोड़ी भी चूक हुई तो मूर्ति का आकार और प्रकार बदल जाता है. उन्होंने बताया कि मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी कोलकाता से आती है. गंगा की मिट्टी से मूर्तियां बनाई जाती है. इस काम में बहुत सावधानी की जरूरत होती है. पिछले 2 साल तो को रोना रहा लेकिन इस साल उम्मीद है कि मूर्तियां बिकेंगी और अभी से ही मूर्तियों का आर्डर मिलने लगे हैं. बहुत सारी मूर्तियां तो खरीदार द्वारा बताई गई डिजाइन के अनुसार बनाई जा रही हैं.
रिपोर्ट - शंभावी सिंह के साथ प्रकाश
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