धनबाद(DHANBAD): शुक्रवार को सोनेत संताल समाज के लोग धनबाद की धरती पर खूब गरजे. कुड़मी जाति और इसके नेताओ को निशाने पर लिया. साथ ही राज्य से लेकर केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि अगर कुड़मी को आदिवासी का दर्जा दिया गया तो ईट से ईट बजा देंगे. प्रश्न किया कि कुड़मी आदिवासी कैसे हो सकते हैं. झारखंड में कुड़मी जाति के लोग आदिवासी का दर्जा मांग रहे हैं, यह गलत है और सोनेत संताल समाज इसका विरोध करता है. समाज के लोग आज धनबाद की सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया. साथ ही कुड़मी जाति के नेताओं को सचेत होने की चेतावनी दी. सुरेश सिंह बेसरा, मथुरा प्रसाद महतो, चंद्र प्रकाश चौधरी का पुतला दहन किया.
गाजे-बाजे के साथ उतरे सड़क पर
सोनेत संताल समाज के लोग गाजे-बाजे के साथ धनबाद के गोल्फ मैदान से निकलकर रणधीर वर्मा चौक पहुंचे और नारेबाजी की. चेतावनी दी कि अगर कुड़मी समाज को आदिवासी का दर्जा मिला तो आदिवासी समाज आंदोलन करने को बाध्य होगा. आंदोलन की अगुवाई कर रहे नेताओं का कहना था कि आदिवासी और कुड़मी जाति के रहन-सहन में, परंपरा में कोई मेल नहीं है. फिर बेवजह वह ओबीसी से सीधे अनुसूचित जनजाति में शामिल होने की मांग क्यों कर रहे हैं. नेताओं ने कहा कि धनबाद की धरती से ही आंदोलन की शुरुआत हुई और झारखंड अलग प्रदेश बना और फिर यहीं से अगर कुड़मी को आदिवासी का दर्जा मिला तो आंदोलन शुरू होगा और दिल्ली की गद्दी को भी हम हिला कर रख देंगे. ईसाई समाज तो पहले से ही आदिवासियों का शोषण कर रहा है, अब कुड़मी भी शोषण करने लगे हैं. इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे, विधायक मथुरा महतो सहित अन्य को नेताओं ने निशाने पर लिया और कई आरोप लगाए.
धनबाद से शांभवी और संतोष की रिपोर्ट
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