टीएनपी डेस्क(TNP DESK): 29 दिसंबर को झारखंड की हेमंत सरकार के तीन साल पूरे होने वाले हैं. एक तरफ जहां सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने में लगी है तो वहीं युवा सरकार से अभी भी नौकरी की आस लगाये बैठे हैं. झारखंड सरकार पिछले तीन सालों में रोजगार के मुद्दे पर नाकाम साबित हुई है. हालांकि, राज्य सरकार गिनाने में लगी है कि उसने काफी संख्या में राज्य के लोगों को रोजगार दिया है. मगर, सरकार की ही दो संस्था जिनपर युवाओं की नियुक्ति करने का जिम्मा है, उनके आंकड़े सरकार के दावे को झूठा साबित कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं JPSC और JSSC की.
2019 में जब झामुमो चुनाव में उतरी थी, तो उसने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि दो सालों के अंदर पांच लाख युवाओं को नौकरी देगी. मगर, सरकार बनने के बाद ऐसा होता हुआ नहीं दिखा. JPSC और JSSC, जिस पर राज्य में अधिकारियों की नियुक्ति का जिम्मा है, उसने पिछले तीन सालों में कितनी नियुक्तियां की? इस बारे में जानते हैं.
JSSC ने तीन सालों में की मात्र 357 नियुक्तियां
JSSC राज्य के युवाओं और सरकारी पदों के लिए CGL, CHSL, पंचायत सचिव, MTS आदि कई सारी परीक्षाएं कराती हैं. इन सभी परीक्षाओं की बात करें तो इससे राज्य के कई हजार युवाओं को नौकरी मिलती है. साथ ही खाली पदों के कारण जो सरकारी काम अटके पड़े होते हैं, उन्हें भी सुचारु रूप से काम करने में मदद मिलती है. आम तौर पर हर साल हजारों वैकेन्सी के लिए JSSC परीक्षाएं आयोजित करती है. मगर, क्या आपको पता है कि पिछले तीन सालों में JSSC ने कितने पदों पर नियुक्ति की है? नहीं पता है, तो हम आपको बताने जा रहे हैं, आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पिछले तीन सालों में JSSC द्वारा प्रदेश में सिर्फ 357 नियुक्तियां हुई है. मतलब कि हर साल जिस संस्था के द्वारा हजारों युवा नौकरी का सपना देखते हैं, वो सिर्फ 357 नियुक्तियां कराती है, वो भी एक साल में नहीं बल्कि तीन साल में.
बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने पूछा था सवाल
अब सवाल है कि ये आंकड़ा कहां से आया कि JSSC द्वारा मात्र 357 नियुक्तियां ही हुई हैं. तो आपको बता दें कि ये आंकड़ा सरकार ने ही दिया है. दरअसल, झारखंड विधानसभा में विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है. इसी सत्र में भाजपा के विधायक अनंत ओझा ने इस बारे में सरकार से सवाल पूछा. उन्होंने पूछा था कि क्या यह बात सही है कि राज्य में विभिन्न विभागों में स्वीकृत पद की तुलना में सिर्फ 35 फ़ीसदी ही पदाधिकारी और कर्मचारी पदस्थापित हैं, जिससे सभी विभागों के कार्यों में प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
सरकार ने दिया जवाब
अनंत ओझा के इस सवाल का सरकार ने जवाब दिया. इस जवाब में सरकार ने बताया कि गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा गठित नियुक्ति नियमावली के आधार पर झारखंड वैज्ञानिक प्रतियोगिता परीक्षा 2021 के तहत 58 रिक्त पदों की नियुक्ति के लिए अध्यक्ष विभाग को अनुशंसा भेजी गई है. अब तक 56 कर्मी की नियुक्ति हो चुकी है. वहीं हाईकोर्ट के द्वारा पारित न्यायादेश के तहत रिम्स में एक श्रेणी की परिचारिका के लिए प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित कर 333 पदों पर नियुक्ति के लिए अनुशंसा भेजी गई है. अब तक 301 कर्मियों की नियुक्ति हो चुकी है.
JPSC की हालत थोड़ी अच्छी पर फिर भी उम्मीद से कम
राज्य में सरकारी नौकरी की बात हो तो सबसे आगे JPSC का जिक्र होता है. JPSC को लोग अलग-अलग बातों के लिए जानते हैं. पढ़ने वाले विद्यार्थी इसके सिलेबस और परीक्षा की तैयारी को लेकर जानते होंगे. युवा बड़े अफसर बनने की उम्मीद लेकर इसे जानते होंगे, तो वहीं बाकी लोग इसका नाम हमेशा विवादों में रहने के कारण जानते होंगे. JPSC के नाम विवादों में रहने का अनूठा रिकॉर्ड है. वैसे तो JPSC की स्थापना झारखंड राज्य के गठन के दो साल बाद 2002 में हुई थी. तब से लेकर इस JPSC ने गड़बड़ी के कई रिकॉर्ड बनाए हैं.
मगर, पिछले तीन सालों में JPSC ने युवाओं को रोजगार देने का कुछ हद तक काम किया है. चाहे वो 7वीं से 10वीं सिविल सर्विसेज़ एग्ज़ाम हो या इंजीनियर की नियुक्ति. इन तीन सालों में JPSC ने लगभग 2000 युवाओं को नौकरी देने का काम किया है. मगर, तीन सालों के लिए ये आंकड़ा काफी कम है.
JPSC द्वारा पिछले तीन सालों में की गई नियुक्तियां
पदनाम |
नियुक्ति संख्या |
असिस्टेंट प्रोफेसर |
119 |
असिस्टेंट टाउन प्लानर |
43 |
असिस्टेंट एग्रीक्लचर डायरेक्टर आदि |
132 |
असिस्टेंट प्रोफेसर |
27 |
प्रोफेसर |
10 |
असिस्टेंट फोफेसर बीआईटी सिंदरी |
25 |
असिस्टेंट पब्लिक प्रोस्टिक्यूटर |
143 |
झारखंड कंबाइंड सिविल सिर्विसेज एक्जाम-2021 |
252 |
बीआईटी सिंदरी असिस्टेंट प्रोफेसर |
27 |
असिस्टेंट प्रोफेसर |
245 |
असिस्टेंट प्रोफेसर रेगुलर |
75 |
कंबाइंड असिस्टेंट इंजीनियर |
637 |
सीनियर साइंटिफिक अफसर |
37 |
मेडिकल ऑफिसर |
180 |
TOTAL |
1952 |
अब बड़ा सवाल है कि एक ओर सरकार जहां 30 हजार रोजगार का वादा कर रही है, वहीं JSSC और JPSC का ये हाल किसी को भी सोचने पर मजबूर कर देगा. सरकार के वादे पर भी बात करें तो सरकार का वादा दो सालों में पांच लाख नौकरी देने का था. मगर, सरकार सिर्फ 30 हजार नौकरी ही दे पाई है. ऐसे में युवा आज सरकार से काफी नाराज है. सरकार के पास अभी भी दो साल बचे हैं, ऐसे में रोजगार और नौकरी को लेकर सरकार को कुछ अहम कदम जरूर उठाने होंगे.
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