मनरेगा में काम तो किये लेकिन तरस रहे हैं भुगतान को , जानिए कहां का है मामला


धनबाद (DHANBAD): मनरेगा के तहत काम करने के बाद भी भुगतान के लिए दर-दर भटकना, इसका उदाहरण देखना हो तो कोई गोविंदपुर प्रखंड के बिराजपुर पंचायत में पहुंच जाए तो मिलेगा कि काम करने के बाद भी मजदूर अपना भुगतान पाने के लिए कैसे तबाह और परेशान हैं. जानकारी के अनुसार मनरेगा योजना के तहत निचीतपुर में समतलीकरण का काम एवं बरवाडीह में डोभा का काम करने वाले मजदूर पैसा पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. बताया जाता है कि सुबह और शाम उनकी हाजिरी भरी गई थी.
मजदूरों का कहना है कि जियो टैगिंग व ऑनलाइन से उनकी हाजिरी भरी गई है. उसके बाद भी भुगतान नहीं मिला है. इस बाबत गुरुवार को निचीतपुर स्कूल में मजदूरों ने बैठक की. बैठक में झामुमो के केंद्रीय सदस्य धरणीधर मंडल, झामुमो नेता मोहन कुम्हार उपस्थित थे. मजदूरों का कहना था कि हम लोग गरीब हैं और मजदूरी के पैसे से ही घर का चूल्हा जलता है.
ऐसे में भुगतान नहीं मिलने से बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. नेताओं ने कहा कि मजदूरों की समस्याओं का हल जल्द निकलना चाहिए. वैसे, प्रखंड विकास पदाधिकारी ने भी स्वीकार किया कि मजदूरों की हाजिरी को शून्य किया गया है. इसकी जानकारी उन्हें भी मिली है. इस संबंध में ग्राम सेवक, पंचायत सेवक और मुखिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्हें 24 घंटे में पूछा गया है कि ऐसा कैसे हुआ. जांच रिपोर्ट आने के बाद मजदूरों का भुगतान कर दिया जाएगा.
रिपोर्ट : प्रकाश
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