रांची(RANCHI): झारखंड के टाइगर जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर रांची पहुंच गया. एयरपोर्ट पर जैसे ही एयर एंबुलेंस पहुंचा पूरा एयरपोर्ट का माहौल गमगीन हो गया.चेन्नई से एयर एंबुलेंस के जरिए जगरनाथ महतो को रांची लाया गया है. एयर एंबुलेंस से शव उतारने के दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन खुद साथ मिल कर बाहर निकाला. इस दौरान हेमन्त सोरेन काफी भावुक दिखे. उनका चेहरा देख ऐसा लग रहा था की हेमन्त सोरेन ने एक अच्छा कैबिनेट मंत्री और साथी को खो दिया है. बता दे कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का निधन चेन्नई के अस्पताल में गुरुवार को हुआ है.
एयरपोर्ट पर श्रधंजलि देने के बाद जगरनाथ महतो के पार्थिव शरीर को झारखंड विधानसभा ले जाया गया. विधानसभा में सभी साथी और वरीय अधिकारी उन्हें श्रद्धांजलि देंगे.एयरपोर्ट पार्थिव शरीर बाहर निकलते ही,जगरनाथ महतो अमर रहे के नारे गूंज रहे थे. सभी की आंखे नम थी. कई ऐसे लोग दिखे जो खुद के आँसू को रोक नहीं पा रहे थे. बस यही बोल रहे थे जगरनाथ दा आप कहां चले गए.
पूरा राज्य आज उन्हें याद कर रहा: मंत्री चम्पई सोरेन
वहीं एयरपोर्ट पहुंचे मंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि जगरनाथ महतो ने राज्य के कई जटिल मुद्दों को खत्म किया है.राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में उन्होंने काम किया है. जगरनाथ महतो एक ज़िंदा दिल इंसान थे उनके यू चले जाने से उन्हें व्यक्तिगत क्षति हुई है. पूरा राज्य आज उन्हें याद कर रहा है.
मंत्री बदल पत्रलेख ने कहा जगरनाथ महतो की कमी कोई पूरी नहीं कर
मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि उन्हें जैसे ही सूचना मिली वह स्तभ हो गए थे. साथी मंत्री के चले जाने से पूरे राज्य को एक झटका लगा है. उन्होंने कहा कि जगरनाथ महतो की कमी कोई पूरी नहीं कर सकेगा.
असामयिक निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर :महुआ माजी
राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि वह राज्य के मंत्री होते हुए भी किसी से कभी मिलने से परहेज नहीं करते थे. जब कोई उनसे मिलना चाहता था तुरंत उसे बुला कर मिलते थे. दिन भर उनके आवास पर लोगों की भीड़ रहती थी. उनके असामयिक निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर है.
गुरुवार की सुबह ली अंतिम सांस
बता दे कि 14 मार्च को विधानसभा बजट सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री की तबीयत बिगड़ी थी. जिसके बाद उन्हें पारास अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद देर शाम उन्हें एयरलिफ्ट कर चेन्नई भेजा गया.चेन्नई में उनका इलाज चल रहा था.धीरे धीरे वह स्वस्थ हो रहे थे. लेकिन गुरुवार की सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन के बाद राज्य में दो दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है. सभी दल के लोग उन्हें याद कर भावुक हो रहे है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन
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