बीसीसीएल का गोबिंदपुर क्षेत्र : खदान के भीतर धरना, ऐलान -जमीन हमारी है, लेकर रहेंगे


धनबाद(DHANBAD): खदान के भीतर धरना , मांग है कि जमीन हमारी है, इसलिए बीसीसीएल या तो नियोजन दे या मुआवजा दे अथवा फिर जमीन खाली करे. सवाल 220 एकड़ जमीन का है. इसी बात को लेकर पिछले 17 दिनों से आंदोलनकारी और बीसीसीएल मैनेजमेंट के बीच रस्साकशी चल रही है. पंद्रह दिनों से आंदोलन करने वाले खदान के भीतर धरना पर बैठे है. वार्ता की कोशिश भी हुई ,वार्ता हुई भी, लेकिन बात नहीं बनी. नतीजा है कि खदान पर सुरक्षा का संकट मंडराने लगा है. आंदोलन कर रहे लोगो ने बीसीसीएल गोविंदपुर मैनेजमेंट को पत्र लिखकर सारी जवाबदेही उन पर डाल दी है. दूसरी ओर बीसीसीएल ने पत्र जारी कर कहा है कि पंपिंग नहीं होने से खदान में पानी भर रहा है और यह स्थिति गंभीर हो सकती है. बीसीसीएल के गोविंदपुर क्षेत्र के माइनप भूमिगत खदान परिसर में आदिवासी दंपति मानो -मनसा और उनके समर्थकों का कब्जा अभी भी जारी है.
तीन दिन तक बहार हुआ ,अब हो रहा खदान के भीतर धरना
3 दिन तक खदान के बाहर लोगों ने धरना दिया लेकिन 15 दिन से खदान के भीतर धरना दिया जा रहा है. बीसीसीएल का कहना है कि 100 करोड रुपए से अधिक की संपत्ति खदान के भीतर है, जबकि माइनप भूमिगत खदान चलाने वालों का कहना है कि 50 करोड रुपए से अधिक की संपत्ति खदान के भीतर है. आदिवासी दंपति और उनके समर्थक जमीन के बदले नियोजन और मुआवजा की मांग कर रहे है. बीसीसीएल की अंडरग्राउंड खदान अभी बंद है लेकिन रखरखाव के लिए कर्मी प्रतिनियुक्त है. आन्दोलनकारियो ने 2013 में भी आंदोलन किया था. उस समय आवासीय कॉलोनी में धरना प्रदर्शन चल रहा था. सूत्र बताते हैं कि उस वक्त झारखंड विकास मोर्चा के बैनर तले पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी पहुंचे थे. इधर, खराब मौसम और ठंड में भी आदिवासी दंपति मानो - मनसा व उनके समर्थकों भूमिगत खदान परिसर में कब्जा बरकरार है. सभी लोग ठंड की परवाह किए बगैर खुले आसमान के नीचे धरना पर बैठे है.
धरना में महिलाओ के साथ बच्चे भी है शामिल
इनमें महिलाओं के साथ-साथ छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल है. सभी पारंपरिक हथियार से लैस है. आदिवासी दंपति ने शुक्रवार को गोविंदपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक को एक पत्र देकर कहा है कि हम लोग 220.81 एकड़ जमीन का मुआवजा एवं नियोजन के लिए आंदोलन कर रहे है. अगर कोई भी घटना होती है तो इसके लिए मैनेजमेंट जिम्मेवार होगा. बीसीसीएल ने भी आदिवासी दंपति को पत्र देकर परिसर खाली करने को कहा है. बीसीसीएल मैनेजमेंट का कहना है कि धरना के कारण पिछले कई दिनों से भूमिगत खदान के अंदर पंपिंग का काम बंद है. जिस कारण खदान में तेजी से पानी बढ़ रहा है. अगर जल्द पंपिंग कार्य शुरू नहीं हुआ तो मोटर पंप एवं बिजली उपकरण के साथ लगभग 100 करोड़ के ऊपर की मशीन डूब सकती है. खदान को भी खतरा है. अगर कोई चूक हुई तो बड़ा हादसा हो सकता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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