झारखंड -बिहार से लेकर दिल्ली तक की नजरें टिकी है उपसभापति हरिवंश पर, पढ़िए क्या है वजह


धनबाद(DHANBAD): राज्यसभा के उपसभापति और प्रसिद्ध पत्रकार हरिवंश नारायण सिंह पर लोगो की नजरे टिक गई है. उनके सामने धर्मसंकट या यूं कहें एक बार फिर विकट स्थिति पैदा हो सकती है. जदयू से रिश्ते में खटास आ सकती है , वह जदयू से ही राज्य सभा सांसद हैं . इस स्थिति में हरिवंश क्या करते हैं, इस पर सभी की निगाहें अभी से टिकनी शुरू हो गई है. मानसून सत्र में जदयू ने व्हिप जारी कर राज्यसभा के अपने सभी सदस्यों को पार्टी के स्टैंड का समर्थन करने को कहा है. यह हरिवंश पर भी लागू होती है. जदयू ने दिल्ली अध्यादेश के खिलाफ वोट करने को कहा है. इसके बाद से ही चर्चा शुरू हो गई है कि हरिवंश क्या करेंगे, हालांकि संसद के उद्घाटन के समय में वह पार्टी के निर्णय के खिलाफ वहां गए थे.
लोक सभा के बाद अब राज्य सभा की बारी है
दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार के अध्यादेश को लोकसभा में तो पास करा लिया गया है, लेकिन इसे राज्यसभा में पास कराने की बारी है. इस बिल का I N D I A में शामिल सभी अपोजिशन पार्टियां विरोध कर रही है. इसी क्रम में जेडीयू भी विरोध कर रहा है. जेडीयू ने पार्टी के स्टैंड को क्लियर कर दिया है. अब सवाल उठ रहे हैं कि ऐसे में हरिवंश क्या करेंगे. आसन पर बैठे होंगे तो पक्ष एवं विपक्ष के बीच अगर बराबरी होती है, तब उनके लिए वोट करने की नौबत आएगी और अगर वह आसन पर नहीं होंगे तो अन्य सदस्यों के साथ बैठे रहेंगे.
पार्टी का व्हिप मानना पड़ सकता है
ऐसे में उनके सामने पार्टी का व्हिप मानने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचेगा और अगर नहीं मानेंगे, तो हो सकता है कि पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करे. झारखंड से लेकर बिहार और बिहार से लेकर दिल्ली तक सबकी नजर इस पर टिकी हुई है. लोग कहते हैं कि संसद भवन के उद्घाटन के बाद हरिवंश जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार से पटना आकर मुलाकात की थी. समझा जाता है कि संसद भवन के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद नीतीश कुमार और उनके बीच जो कंफ्यूजन था, उसे दूर करने की कोशिश की गई. I N D I A में शामिल तमाम विपक्षी दलों के लिए दिल्ली का अध्यादेश प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. कांग्रेस के समर्थन की घोषणा के बाद ही अरविंद केजरीवाल I N D I A की बैठक में शामिल हुए थे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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