टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-अगर हौंसले की उड़ान हो औऱ दिल भरोसे से लबरेज हो तो मंजिल मिल ही जाती है. राह में आई मुश्किलें भी भाग जाती है.यह फलसफा जिंदगी के हर मोड़ पर काम आता है. जहां नाकामियां तो आती है. मागर, जिद के साथ खुद पर भरोसा हो तो कामयाबी भी कदम चुम जाती है. जी हां दुनिया की सबसे उंची चोटी एवरेस्ट को फतह करने वाले देश के नामचीन 13 पर्वतारोहियों का राजधानी रांची में जमावड़ा लगा . इन लोगों ने एक नई उम्मीद की किरण लोगों की जिंदगी में भरा औऱ हौंसला अफजाई की. अपनी-अपनी कामयाबी की कहानियों से लोगों को निराशा के भंवर से निकाला.
सीसीएल के दरभंगा हाउस में कार्यक्रम
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को सबसे पहले फतह न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी औऱ दार्जलिंग के तेनजिंग नोर्गे ने किया था. इस सफलता के 70 साल पूरे होने पर रांची के सीसीएल दरभंगा हाउस सभागर में एवरेस्ट समित आयोजित की गई थी. जिसमे देश के 13 पर्वतारोही जुटे औऱ अपनी कामयाबी के तजुर्बे को साझा किया. इस कार्यक्रम में मशहूर पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा, प्रेमलता अग्रवाल , मेघा परमार भी शामिल हुई थी
एक मंच पर 13 पर्वतारोही
सीसीएल, साइबर पीस फाउंडेशन और आइडियेट इंस्पायर इग्नाइट फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से समिट का आयोजन हुआ. जिसमे पहली बार देश के 13 पर्वतारोही पहुंचे. इन लोगों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अब तो एवरेस्ट फतह करने वालें लोगों की बाढ़ सी आ गयी है . हालांकि, अभी भी कई लोगों को मौका नहीं मिलता है. पर्वतारोहन के नाम पर पहाड़ गंदे हो रहे है. पहाड़ों के प्रति सम्मान में कमी आयी है. हमे इसका भी ध्यान रखना होगा.
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