जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): जमशेदपुर में आज बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें सभी बैंक के कर्मचारी मौजूद रहे. सभी कर्मचारियों का कहना है कि सरकार निजीकरण को रोकने के लिए जल्दी फैसला ले, नहीं तो कर्मचारी नहीं मानेंगे और जोरदार तरीके से आंदोलन करेंगे. इस आयोजन पर एसडीबीईए, बीईएफआई की जिला ईकाई की ओर से बिष्टुपुर के पोस्टल पार्क के पास से एक संयुक्त रैली का आयोजन किया गया.
1969 में 14 बैंक और उसके बाद 6 और बैंक को सरकार द्वारा राष्ट्रीयकरण किया गया था
गौरतलब है कि 19 जुलाई 1969 को 14 बैंक और उसके बाद 6 और बैंक तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा राष्ट्रीयकरण किया गया था. इस कदम ने भारत में बैंकिंग सेवा का एक नया क्षितिज खोल दिया. जिससे दूर-दराज के गांवों तक के करोड़ों लोगों को सस्ती कीमत पर सेवा प्रदान की गई. इसने लाखों युवाओं को रोजगार प्रदान किया और साथ ही कृषि सहित प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए आवश्यक ऋण प्रदान किए गए.जिसके परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र में भारी वृद्धि हुई.उत्पादन और यहां तक की अन्य क्षेत्रों में भी, हरित क्रांति इसका एक उदाहरण रही है.
पढ़ें क्या कह रहे है बैंक कर्मचारी
सभी कर्मचारियों का कहना है कि राष्ट्रीयकृत बैंक 14 लाख करोड़ के बट्टे खाते में डालने के बावजूद सरकार को भारी लाभ और लाभांश दे रहा है.वर्तमान सरकार इन राष्ट्रीयकृत बैंकों को बड़े घरानों को बेचने और अपने बजटीय घाटे को पूरा करने और उनके द्वारा लिए गए भारी ऋणों के भुगतान के लिए एक कोष जुटाने में लगी है.निजीकरण के कदम का स्पष्ट रूप से विरोध करता है और इस प्रकार बैंक राष्ट्रीयकरण नीति को ऊंचा रखता है और इस दिवस को मनाता है.इस कार्यक्रम में बैंकों से एनसीबीई, आईईएजेडी, एआईएलएसए, बीएसएसआर यूनियन जैसे कई अन्य संगठनों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया.
रिपोर्ट-रंजीत ओझा
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