नीरज सिंह मर्डर केस के आठ वर्ष: झारखंड के मजबूत घराने "सिंह मेन्शन" को कैसे टुकड़ो में बांट दिया यह हत्याकांड, पढ़िए विस्तार से

धनबाद(DHANBAD): आज ही के दिन यानी 21 मार्च "2017 को धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के आज 8 साल पूरे हो गए. 21 मार्च "2017 को धनबाद के सरायढेला के स्टील गेट में नीरज सिंह, उनके पीए अशोक यादव, ड्राइवर घल्टू महतो और अंगरक्षक मुन्ना तिवारी की हत्या कर दी गई थी. इस घटना ने कोयलांचल को झकझोर दिया था. हत्याकांड में गोलियों की बारिश की गई थी. इस मामले में कई आरोपी अभी भी जेल में है. जबकि कुछ जमानत पर है. 21 मार्च '2017 को नीरज सिंह अपनी गाड़ी से अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान घात लगाए अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी.
सैकड़ो राउंड फायरिंग में नीरज सिंह समेत चार की हो गई थी मौत
सैकड़ो राउंड फायरिंग की गई. घटनास्थल पर ही चारों लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद कोयलांचल में सन्नाटा पसर गया था. इस घटना में झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने थाने में सरेंडर किया था. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. अभी भी वह जेल में ही है. घटना में शूटरों के तार उत्तर प्रदेश से जुड़े. इसी मामले में अमन सिंह को गिरफ्तार कर पुलिस ले आई थी. अमन सिंह की हत्या धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को कर दी गई. धनबाद आने के बाद अमन सिंह गैंगस्टर बन गया था. नीरज सिंह हत्याकांड के बाद झारखंड के ताकतवर घराने सिंह मेंशन और रघुकुल के बीच की खाई और बढ़ गई. पारिवारिक विवाद इतना अधिक बढ़ा कि सिंह मेंशन परिवार के लोग कई गुटों में बट गए और एक दूसरे को देखना पसंद नहीं करने लगे. इस घटना का असर राजनीति पर भी पड़ा. सिंह मेंशन झारखंड का ताकतवर घराना माना जाता है. लेकिन नीरज सिंह की हत्या के बाद विवाद इस कदर बढ़ा कि सार्वजनिक तौर पर आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.
नीरज सिंह की पत्नी 2019 में झरिया से विधायक चुनी गई थी
नीरज सिंह की हत्या के बाद 2019 में झरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर उनकी पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह ने चुनाव लड़ी और संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह को पराजित कर दिया. कांग्रेस के टिकट पर वह 2019 में विधायक बनी. विधायक बनने के बाद भी दोनों परिवार में समय-समय पर टकराहट होती रही. झरिया को लेकर भी आरोप- प्रत्यारोप लगते रहे. इस बीच सूर्य देव बाबू के भाई पूर्व मंत्री बच्चा सिंह का बीमारी की वजह से निधन भी हो गया. बच्चा बाबू सिंह मेंशन से अलग पहले से ही रह रहे थे. रामधीर सिंह और सूर्य देव सिंह का परिवार सिंह मेंशन में रह रहा था. लेकिन बाद में रामधीर सिंह का परिवार भी अलग रहने लगा. इस बीच फिर 2024 का चुनाव आया. इस चुनाव में भी झरिया सीट पर पूर्णिमा नीरज सिंह और रागिनी सिंह के बीच आमने-सामने का चुनावी टक्कर हुआ. चुनाव के इस रण में इस बार रागिनी सिंह ने बाजी मार ली और पूर्णिमा नीरज सिंह को उन्होंने पराजित कर दिया. रागिनी सिंह फिलहाल झरिया विधानसभा सीट से भाजपा की विधायक है.
नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या के बाद पुलिस पर बढ़ गया था दबाव
नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या के बाद पुलिस पर दबाव बढ़ा, सूत्रों के अनुसार इस घटना के बाद पुलिस जब रेस हुई तो 3 मई 2017 को उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर निवासी शूटर अमन सिंह(( अब मृत) को गिरफ्तार किया. अमन सिंह की 3 दिसंबर 2023 को धनबाद जेल में हत्या कर दी गई. फिर 3 जून 2017 को यूपी के आगरा कैंट स्टेशन से कुर्बान अली उर्फ सोनू, 24 जून को यूपी के प्रतापगढ़ के विजय सिंह उर्फ सागर, 8 जुलाई को बलिया के चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश, यूपी सुल्तानपुर के पंकज सिंह ने 14 सितंबर को यूपी कोर्ट में सरेंडर किया था. जिसके बाद पुलिस उसे रिमांड पर लेकर धनबाद आई थी. कहा जाता है कि नीरज सिंह हत्याकांड ने झारखंड के मजबूत घराने सिंह मेंशन को टुकड़ों में बांट दिया. आज जगह-जगह नीरज सिंह को श्रद्धांजलि दी जा रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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