टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लैंड स्कैम के आरोप में पांच दिनों की ईडी की रिमांड पर हैं. इससे पहले हेमंत की ओर से ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया था. इसी प्राथमिकी को निरस्त करने के लिए ईडी झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में प्राथमिकी को नियमों के खिलाफ बताया गया है. इसमे बताया गया है कि इस तरह की प्राथमिकी जांच एजेंसियों के खिलाफ दर्ज नहीं कराई जा सकती है.
एससी-एसटी थाने में केस दर्ज
हेमंत सोरेन ने रांची के एससी-एसटी थाने में ईडी के अफसर कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार, अमन पटेल और अन्य अज्ञात के खिलाफ 31 जनवरी को एससी-एसटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. ये सभी अफसर ईडी के जोनल कार्यालय रांची से संबंधित हैं.
प्राथमिकी में ये कहा गया है कि ईडी के अधिकारियों ने उन्हें 29 से 31 जनवरी तक रांची में रहने के लिए कहा था. इसी बीच उनके दिल्ली स्थित आवास पर उनकी अनुपस्थिति में बिना पूर्व सूचना के छापेमारी कर दी गई. वे अनुसूचित जनजाति से आते हैं. उन्हें और उनके परिवार को ईडी के इस झूठे और बनावटी कृत्य से मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ना हुई है.
बदनाम करने का आरोप
इसके चलते वे आहत हुए हैं. ईडी के उपरोक्त अधिकारियों के माध्यम से मीडिया में भ्रम फैलाकर उन्हें आम जनता के बीच बदनाम करने की कोशिश की गई है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत ने यह भी लिखा है कि जब वे रांची आए तो उन्होंने विभिन्न मीडिया के माध्यम से 30 जनवरी को ईडी की दिल्ली स्थित झारखंड भवन, मुख्यमंत्री आवास में छापेमारी से संबंधित समाचारों को देखा. इससे उन्हें और उनके समुदाय को बदनाम करने की कोशिश हुई है. इसलिए पूरे मामले को ही निरस्त किया जाए.
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