दुमका(DUMKA):महिला कॉलेज गोड्डा में अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉ सुमन लता बुधवार को अपने समर्थकों के साथ दुमका के दिग्घी स्थित सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय पहुंची और परिसर में एक दिवसीय धरना पर बैठ गयी.डॉ सुमन लता का आरोप है कि महिला कॉलेज गोड्डा में तमाम नियम, आदेश और निर्देश को दरकिनार कर काम किया जाता है. उनका आरोप है कि 28 फरवरी 2023 को प्रभारी प्राचार्य सेवा निवृत्त हो गयी.नियम के अनुरूप कॉलेज के वरीय को प्राचार्य की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए थी, लेकिन जीबी द्वारा 3 मार्च को कॉलेज के जूनियर टीचर ललन झा को प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया. तभी से हक की लड़ाई लड़ रही है.
विरोध के बाबजूद जूनियर को एक वर्ष का एक्सटेंशन दे दिया गया
डॉ सुमन का कहना कि विरोध के बाबजूद अगस्त में जीबी की बैठक में जूनियर को ही एक वर्ष का एक्सटेंशन दे दिया गया.जिनके पास पीएचडी की भी डिग्री नहीं है.ऐसी स्थिति में कॉलेज में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. न्याय की आस में विश्वविद्यालय परिसर में धरना पर बैठी है.डॉ सुमन का कहना है कि जून में राजभवन से एक पत्र निर्गत हुआ है जिसके अनुरूप वरीयतम शिक्षक को ही प्राचार्य का प्रभार दिया जाना है. इतना ही नहीं कॉलेज की भी यही परंपरा रही है. 7 दिसंबर 2020 को जेनरल बॉडी (जीबी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि वरीयतम शिक्षक ही इंचार्ज होंगे. उसका भी अनुपालन नहीं किया गया.विश्वविद्यालय की अधिसूचना भी यही कहता है कि वरीय शिक्षक ही प्रभारी होंगे. हाईकोर्ट का भी यही फैसला है. उसका भी उलंघन किया गया है.नियमों का अनुपालन हो इसको लेकर धरना पर बैठे हैं.
नियम, निर्देश और आदेश का उल्लंघन कर जूनियर शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया
कहा जाता है शिक्षण संस्थानों को राजनीति से दूर रखनी चाहिए. शिक्षा के मंदिर में राजनीति का समावेश होने पर छात्रों का भविष्य अंधकारमय होने लगता है. सवाल उठता है कि जीबी की ऐसी क्या मजबूरी है, जिस वजह से तमाम नियम, निर्देश और आदेश का उल्लंघन कर जूनियर शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया.
रिपोर्ट-पंचम झा
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