दुमका(DUMKA): संताल समाज का सबसे बड़ा पर्व सोहराय होता है जिसकी तुलना हाथी से की जाती है. इन दिनों संताल परगना प्रमंडल में जगह जगह परंपरागत परिधान पहनकर संताल समाज के लोग सोहराय के गीत पर नाचते झूमते नजर आ जायेंगे. मांदर की थाप पर युवक, युवतियां, स्त्री पुरुष, वृद्ध बच्चे सभी एक साथ कदम ताल करते नजर आ जायेंगे.
युवा संघ और ग्राम प्रधान संगठन द्वारा आयोजित हुआ कार्यक्रम
दुमका जिला के शिकारीपाड़ा प्रखंड मैदान में मंगलवार को सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया. यह आयोजन युवा संघ और ग्राम प्रधान संगठन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. कार्यक्रम में दुमका सांसद नलिन सोरेन, विधायक आलोक सोरेन तथा जिला परिषद अध्यक्ष जोयेस बेसरा बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए. कार्यक्रम के दौरान उपस्थित महिला पुरुष काफी उत्साहित नज़र आए. खासकर स्थानीय विधायक आलोक सोरेन जिला परिषद अध्यक्ष जोयेस बेसरा मांदर की थाप पर जमकर थिरकते नज़र आए.
सोहराय में पशु और प्रकृति की होती है पूजा: सांसद नलिन सोरेन
दुमका सांसद नलिन सोरेन ने कहा कि सोहराय पर्व हमारा सबसे बड़ा पर्व है. स्थानीय भाषा में इसे बदना भी कहा जाता है. उन्होंने बताया कि यह इस पर्व में प्रकृति की पूजा होती है. जब धान की फसल कट कर घर आ जाता है तो लोग खुशियां मनाते हैं. इसमें खेती में प्रयुक्त बैल और घर के अन्य मवेशियों की भी पूजा होती है क्योंकि उनकी मदद से ही हमारा फसल हो पाता है.
सोहराय के मौके पर ससुराल से मायके आती है बेटी, खूब होता है आदर सत्कार
इसके साथ ही घर की बेटी जिसकी शादी हो चुकी है वह सोहराय के मौके पर अपने माता पिता के घर आती है, जहां उसका आदर सत्कार होता है. यह पर्व 5 दिनों का होता है और हर दिन का अलग अलग नाम और महत्व है. कुल मिलाकर देखा जाए तो इस पर्व को काफी हर्षोल्लास के साथ संताल समाज के लोग मानते हैं.
बीडीओ, सीओ सहित काफी संख्या में ग्रामीण हुए शामिल
मौके पर शिकारीपाड़ा बीडीओ एजाज आलम, सीओ कपिल देव ठाकुर, झामुमो प्रखण्ड अध्यक्ष चुण्डा हेमब्रम, कोषाध्यक्ष कलीमुद्दीन अंसारी, जिला परिषद सदस्य प्रकाश हांसदा, सचिव प्रभुनाथ हांसदा वरिष्ठ कार्यकर्ता तमीज अंसारी, लालका मियां, युवा संघ के दुलाल बेसरा, चान्दो बास्की, ग्राम प्रधान भीम सोरेन, अशोक मरांडी और अन्य गणमान्य लोगों के साथ काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.
रिपोर्ट: पंचम झा
4+